Monday, December 23, 2024
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'आज का सूरज उम्मीद की नई किरण लेकर उगा, 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगे'

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगीं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 20, 2020 10:03 IST
'आज का सूरज उम्मीद की नई किरण लेकर उगा, 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगे'
'आज का सूरज उम्मीद की नई किरण लेकर उगा, 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगे'

नई दिल्ली: निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को आज सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि आखिरकार उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया है। उन्होंने कहा कि वह 20 मार्च को निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगीं। उन्होंने यह भी कहा कि यह न्याय देश की बच्चियों को मिला है और यह भारत की बेटियों के लिए उम्मीद की नई किरण है। बता दें कि निर्भया के माता और पिता ने सात सालों तक लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अंत में उन्हें न्याय मिला। 

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चारों दोषियों को फांसी मिलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आखिरकार आज न्याय मिल गया। चारों दोषियों को फांसी दे दी गई। आज का सूरज भारत की बेटियों के लिए उम्मीद की नई किरण लेकर उगा। उन्होंने कहा, "16 दिसंबर 2012 की रात को सिर्फ निर्भया ही नहीं पूरा देश अंदर तक हिल गया था। आज जाकर न्याय हुआ।"

अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने और दुष्कर्म व हत्या के आरोपियों को मौत की सजा दिलाने के लिए उन्होंने काफी इंतजार किया। दोषियों को फांसी दे दी गई है, जब टीवी पर इस बात की पुष्टि हुई तो आशा देवी उस समय अपनी खुशी को बयान नहीं कर सकीं। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे दोषियों को फंसी दी गई और डॉक्टर ने सुबह 6 बजे उनकी मौत की पुष्टि की।

निर्भया की मां ने दोषियों को फांसी दिए जाने के बाद मीडिया से कहा, "आज का दिन 20 मार्च, हमारी बच्चियों के नाम, हमारी महिलाओं के नाम। देर से सही, इंसाफ मिला। इस केस के माध्यम से कानून में जो खामियां थी, वह सामने आई है, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है।" उन्होंने कहा कि उन्हें निर्भया पर गर्व है और उन्होंने अपने मां होने के धर्म को पूरा किया है।

उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं। देर से ही सही हमें न्याय मिला। मैं न्याय व्यवस्था और महामहिम राष्ट्रपति सहित सभी लोगों को धन्यावाद देती हूं। दोषियों ने बचने के लिए बार-बार याचिकाएं दायर की लेकिन अदालतों ने उन्हें खारिज करते हुए न्याय देने का काम किया और यह संदेश दिया कि यदि बच्चियों व महिलाओं के साथ इस प्रकार का अपराध होगा तो निश्चित तौर पर दोषियों को सजा मिलेगी।"

उन्होंने कहा, "देर से ही सही इंसाफ मिलने से कानून-व्यवस्था व न्याय-व्यवस्था पर सभी का विश्वास बढ़ा है। हमारी बच्ची चली गई, लेकिन उसके जाने के बाद हमने लड़ाई जारी रखी और आज हमें न्याय मिला। आगे भी बच्चियों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।" यह मामला एक नजीर बनेगा और इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "मामले से सबक लेकर मां-बाप भी लड़कों को इस बारे में कहेंगे कि गलत काम करने का नतीजा बुरा होता है और उसका दंड इस प्रकार से मिलता है।"

गौरतलब है कि अक्षय, पवन, विनय और मुकेश दुष्कर्म में शामिल उन छह लोगों में से थे, जिन्होंने साल 2012 में दिसंबर की सर्द रात में राष्ट्रीय राजधानी में एक चलती बस में 23 वर्षीय छात्रा निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। बाद में दोषी छात्रा और उसके मित्र को सड़क किनारे छोड़कर चले गए थे। छात्रा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। मामले के एक दोषी राम सिंह ने जेल में खुदकुशी कर ली थी और दूसरे दोषी नाबालिग को बाल सुधार गृह में भेजा गया था। वहीं अन्य चार को आज शुक्रवार को फांसी दे दी गई है।

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