Highlights
- 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर विपक्ष दलों ने दिखाई एकता, साझा बयान जारी किया
- सरकार की केवल ये मानसिकता है कि विपक्ष के ऊपर किसी तरह से वार करो- कपिल सिब्बल
- राज्यसभा से 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड किया गया
नई दिल्ली। अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना के 12 सांसदों को पूरे सत्र के लिए राज्यसभा से निलंबित करने के मामले में विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी किया है। विपक्षी दलों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि विपक्ष ने 12 सांसदों के निलंबन के फैसले की निंदा की है और इसे अलोकतांत्रिक निलंबन करार दिया है। निलंबन के बाद कई सांसदों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है। विपक्षी पार्टियों ने कल यानी 30 नवंबर इस फैसले को लेकर एक बैठक बुलाई है, जिसमें आगे क्या करना है उसको लेकर चर्चा की जाएगी।
विपक्षी पार्टियों ने सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक निलंबन करार दिया
विपक्षी पार्टियों ने संयुक्त बयान में 12 सांसदों के निलंबन के फैसले की निंदा की और इसे अलोकतांत्रिक निलंबन करार दिया है। विपक्षी पार्टियों ने 12 सांसदों के निलंबन के फैसले पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के दफ्तर में एलओपी पर मंगलवार (30 नवंबर) को बैठक बुलाई है। हालांकि विपक्ष के इस साझा बयान में टीएमसी शामिल नहीं है, जबकि 12 में से दो सांसद टीएमसी के भी निलंबित किए गए हैं। बता दें कि, संसद का यह शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक प्रस्तावित है।
ये लोकतंत्र विरोधी कदम है- मल्लिकार्जुन खड़गे
12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की केवल ये मानसिकता है कि विपक्ष के ऊपर किसी तरह से वार करो और इनको मालूम है कि अगर वो इस तरह निलंबित करेंगे तो निश्चित रूप से विपक्ष इसका विरोध करेगी और फिर सदन नहीं चलेगा। वो यही चाहते हैं कि सदन न चले। 12 सांसदों को शीतकालीन सत्र से सस्पेंड करने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ये लोकतंत्र विरोधी कदम है और सरकार सांसदों में डर पैदा करने के लिए ये कदम उठाई है। डराना-धमकाना उनकी अदत बन गई है। सरकार ने आज 12 सांसदों पर एक्शन लेने के लिए जो रेजोल्यूशन मूव किया है ये पूरी तरह गलत है।
इन 12 सांसदों को किया गया निलंबित
संसद के बीते मॉनसून सत्र में हंगामा करने के लिए राज्यसभा से 12 सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबित होने वाले सांसदों में 6 सांसद कांग्रेस पार्टी के हैं, 2-2 सांसद शिवसेना तथा तृणमूल कांग्रेस तथा एक सांसद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और एक भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का है। उच्च सदन के जिन 12 सांसदों को सस्पेंड किया गया है उनके नाम एल्मारम करीम (माकपा), फुलो देवी नेताम (कांग्रेस), छाया वर्मा (कांग्रेस), रिपुन बोरा (कांग्रेस), बिनोय विस्वाम (भाकपा), राजमणि पटेल (कांग्रेस), डोला सेन (तृणमूल कांग्रेस), शांत छेत्री (तृणमूल कांग्रेस), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना), अनिल देसाई (शिवसेना) और अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस) हैं। उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा जिसे विपक्षी दलों के हंगामे के बीच सदन ने मंजूरी दे दी।