जोधपुर: ट्विटर के CEO जैक डोरसे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजस्थान की जोधपुर अदालत में उनके खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। उनके खिलाफ FIR का ये आदेश ब्राह्मण विरोधी पोस्टर को लेकर दिया गया है। दरअसल, पिछले महीने भारत दौरे पर आए डोरसे ने महिला कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के साथ एक फोटो हाथ में लेकर तस्वीर खिंचवाई थी, जिस पर 'ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ो' नारा लिखा था। जो वायरल हो गई थी, उसे लेकर मानहानि का मामला भी दर्ज किया गया था।
पोस्टर के वायरल होने पर कुछ यूजर्स ने डोरसे पर 'कट्टरवादी' और 'नस्लवादी' होने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद बीते 22 नवंबर को विपरा फाउंडेशन की युवा शाखा के उपाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने ट्विटर के CEO जैक डोरसे के खिलाफ ब्राह्मण विरोधी पोस्ट शेयर करने मामले में याचिका दायर की थी। जिसे स्थानीय अदालत ने स्वीकार कर 1 दिसंबर को सुनवाई का निर्णय लिया था।
1 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने जैक के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया। राजकुमार के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बताया कि जैक डोरसे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के 295A 500, 501, 504, 505 और 120B के तहत मुकदमा दायर किया था।
जिस फोटो को लेकर विवाद शुरू हुआ उसमें जैक एक के हाथों में एक पोस्टर है, जिसपर लिखा है 'ब्राह्मण पितृसत्ता का नाश हो'। इसी पोस्टर के वायरल होने के बाद जैक डोरसे विवादों में घिर गए थे। हालांकि, विवाद के तुरंत बाद ट्विटर इंडिया ने माफी मांगी थी।