नई दिल्ली। मोदी सरकार ने देश की बेटियों के उत्थान और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान चला रखा है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत में की थी। लेकिन आजकल सोशल मीडिया पर कुछ लोग 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना को लेकर फ्रॉड कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत सरकार द्वारा नौकरियाँ, लैपटॉप और मोबाइल प्रदान किए जा रहे हैं।
जानिए दावे में क्या कहा गया है?
दरअसल, एक मैसेज में कहा जा रहा है कि 'Govt. Digital India बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान (SMS Jobs) पर बैठे लड़के-लड़कियां, गृहणियां SMS भेजकर कमाए। 13000 से 60000 रुपए महीना प्लस लैपटॉप। नाम पता एसएमएस करें 42. बैलगाड़ी बस्ती, यूपी।' इस मैसेज को लेकर आप इसकी सच्चाई जान लीजिए।
जानिए क्या है सच्चाई?
सरकार के लिए सोशल मीडिया पर वायरल भ्रामक और गलत तथ्यों की जांच करने वाली पीआईबी फैक्ट चैक (PIB Fact Check) टीम ने इस मैसेज की जांच की है। PIB फैक्ट चेक ने अपने ट्वीट में एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि 'एक विज्ञापन का फर्जी दावा है कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के तहत सरकार द्वारा नौकरियाँ, लैपटॉप और मोबाइल प्रदान किए जा रहे हैं। PIBFactCheck- यह धोखाधड़ी का प्रयास है। इस योजना के तहत किसी को भी व्यक्तिगत रूप से पैसे देने का प्रावधान नहीं हैं।' साथ ही पीआईबी फैक्ट चेक टीम ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर चलाई जा रही फर्जी योजनाओं के खिलाफ चेतावनी को लेकर एक लिंक भी शेयर किया है।
जानिए क्या है 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का उद्देश्य
मोदी सरकार की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का उद्देश्य लिंगानुपात को कम करना, महिला सश्क्तिकरण को बढ़ावा देना और लिंक असामनता को दूर करना है। योजना के तहत बच्चियों को शिक्षा उपलब्ध कराने और उनकी समाज में भागीदारी को बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं। बैंक में जमा किए जाने वाले पैसे मिलने पर लड़कियां उच्च शिक्षा हासिल कर सकती हैं। योजना का लाभ उठाने के लिए भारतीय नागरिकता होनी चाहिए। बेटी का किसी भी बैंक में खुद का सुकन्या समृद्धि अकाउंट (एसएसए) होना चाहिए और उम्र 10 साल से कम हो।
आप भी करा सकते हैं फैक्ट चेक
बता दें कि PIB फैक्ट चेक सरकारी नीतियों या स्कीमों पर गलत जानकारी का खंडन करता है। अगर आपको कोई सरकार से संबंधित समाचार के फर्जी होने का शक है, तो आप PIB फैक्ट चेक को इसके बारे में जानकारी दे सकते हैं। इसके लिए आप 918799711259 इस मोबाइल नंबर या socialmedia@pib.gov.in ईमेल आईडी पर भेज सकते हैं।