नई दिल्ली। जेएनयू छात्र संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने छात्रावास शुल्क में वृद्धि को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा, जिसमें कुलपति को हटाने की मांग भी शामिल है।
हालांकि बैठक को लेकर मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। जेएनयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने कहा कि उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव जीसी होसर से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
मून ने कहा, "हमने उनसे मुलाकात कर अपनी मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपा। हमने मांग की कि मानव संसाधन विकास समिति को छात्रसंघ के साथ मुलाकात करनी चाहिये और जब तक समिति इस मामले पर काम करे तब तक शुल्क वृद्धि न की जाए। हमने कुलपति को बर्खास्त करने की भी मांग की।"
उन्होंने कहा कि अधिकारी ने हमें आश्वासन दिया कि समिति बुधवार को छात्रसंघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करेगी। इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ सचिव सतीश चन्द्र यादव ने कहा था कि पुलिस छात्रसंघ के पदाधिकारियों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव से मिलवाने ले जा रही है।
इस बीच, पुलिस ने सफदरजंग मकबरे के बाहर डेरा जमाए बैठे हजारों प्रदर्शनकारियों को वापस विश्वविद्यालय चले जाने को कहा। वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों और शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर लाठियां चलाईं और यहां से चले जाने के लिये मजबूर किया।
पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत हिरासत में लिये गए करीब 100 छात्रों को शाम के समय छोड़ दिया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी एम्स और सफदरजंग अस्पताल की एंबुलेंस के रास्तों को रोक रहे थे। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि "लाठीचार्ज" के सभी आरोपों की जांच की जाएगी। प्रदर्शनकारी छात्र जेएनयू में छात्रावास शुल्क में वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की मांग को लेकर संसद की ओर मार्च कर रहे थे।