नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को तोड़ने और मूर्ति के पास अपशब्द लिखने के मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी। जेएनयू के वाइस चासंलर जगदीश कुमार ने कहा है कि जेएनयू प्रशासन आरोपियों की पहचान करने में जुटा है। पहचान हो जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा। जेएनयू के प्रशासनिक खंड में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगी हुई है। इस मूर्ति का अभी अनावरण भी नहीं किया गया है। जेएनयू में बढ़ी फीस के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। इसी दौरान कल विवेकानंद की मूर्ति के पास अपशब्द लिखे गए और मूर्ति को तोड़ने की भी कोशिश की गई।
बुधवार को विद्यार्थी फीस वृद्धि के बारे में कुलपति से बात करने के लिए प्रशासनिक खंड भवन में घुस गये थे और वहां उन्होंने कुमार के बारे में कई बातें लिख दी थीं। बृहस्पतिवार को विवेकानंद प्रतिमा के पास भी आपत्तिजनक बातें लिख दी गयीं। विद्यार्थी छात्रावास की फीस में वृद्धि के खिलाफ प्रशासनिक खंड के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि जेएनयू ने बुधवार शाम को ही वृद्धि वापस लेने की घोषणा कर दी थी।
कुमार ने विद्यार्थियों के साथ तबतक किसी बातचीत की संभावना से इनकार किया है जबतक बैठक करने का उनका तरीका सभ्य नहीं होता। विद्यार्थियों ने कुलपति के कार्यालय के एक दरवाजे पर लिखा था, ‘‘आप हमारे कुलपति नहीं हैं, आप अपने संघ में लौट जाइए।’ एक अन्य संदेश में लिखा था, ‘मामिदाला, बाय, बाय फोरएवर।’’
कुमार ने कहा, ‘‘हम अपनी शिकायत लिखने की प्रक्रिया में लगे हैं। हमारे पास सभी वीडियो साक्ष्य हैं। हमने कुछ व्यक्तियों की पहचान कर ली है और हम उनके नाम जानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्राथमिकी की प्रति हमारे पास आने के बाद हम आंतरिक जांच शुरू करेंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे।’’
कुलपति ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के चबूतरे पर संदेश लिखने को असभ्य करार दिया। प्रशासनिक खंड के बाहर इस प्रतिमा के पास दक्षिणपंथी संगठनों पर हमला करते हुए आपत्तिजनक संदेश लिखे गये हैं। उसक बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और वाम समर्थित जेएनयूछात्र संघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
कुलपति ने कहा, ‘‘हम सभी के लिए स्वामी विवेकानंद महान आदर्श और दार्शनिक हैं। मैं मानता हूं कि हर भारतीय उनका सम्मान करता है। उनकी प्रतिमा के पास चबूतरे पर संदेश लिखना बहुत ही असभ्य आचरण है जिसके बारे में मैं विचार भी नहीं कर सकता।’’ विद्यार्थी छात्रावास नियमावी मसविदा में छात्रावास शुल्क में वृद्धि के प्रस्ताव के खिलाफ एक पखवाड़े से हड़ताल पर हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन खासकर कुमार पर बातचीत करने को इच्छुक नहीं होने का आरोप लगाया है।
इस आरोप पर कुमार ने कहा कि एक गलत धारणा और झूठ फैलाया जा रहा है कि प्रशासन विद्यार्थियों से बातचीत नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, ‘‘पहली इंटरहॉल प्रशासन बैठक छात्रावास नियमावली पर चर्चा करने के लिए हुई। जो लोग इस बैठक का हिस्सा नहीं थे, वे भी उसमें घुस गये और उन्होंने नारे लगाये। निश्चित ही बैठक करने का यह सभ्य तरीका नहीं है।’’
उन्होंने बताया कि बाद में प्रोवोस्ट को छात्रों की चिंताओं को जानने के लिए छात्रावास अध्यक्षों से बातचीत के लिए भेजा गया लेकिन जो विद्यार्थी बैठक का हिस्सा नहीं थे, वे उसमें घुस गये और उन्होंने उन्हें अपमानित किया। उन्होंने प्रोवोस्ट से जबरन इस्तीफा ले लिया।