नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ाने और इसके खिलाफ आंदोलन की गूंज अब संसद में भी सुनाई दे रही है। कल लाठीचार्ज पर संसद में कई बार बवाल हुआ। उधर जेएनयू प्रशासन छात्रों की शिकायत को लेकर अब कोर्ट पहुंच गया है। छात्रों ने भी कहा है, जब तक रोलबैक नहीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन पर सड़क से संसद तक संग्राम मचा है। संसद के अंदर जनता के नेता थे और सड़क पर छात्रों के नेता जो मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे थे।
जेएनयू छात्रों के आंदोलन की आंच अब संसद के अंदर तक पहुंच गई है। लोकसभा अध्यक्ष जेएनयू पर बहस के लिए वक्त नहीं देना चाहते थे और लेफ्ट वाले अड़ गए थे कि सदन में बहस क्यों नहीं होगी। समाजवादी पार्टी और ममता बनर्जी की पार्टी ने साथ दिया। नतीजा हंगामा शुरू हो गया और संसद ठप हो गई। दोबारा लोकसभा अध्यक्ष आए तो फिर हंगामा शुरु हो गया। पहले कैंपस, फिर सड़क, फिर संसद और अब खबर ये है कि मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया है।
जेएनयू एडमिन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर छात्रों पर एडमिन ब्लॉक में पहुंचकर कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया है। हाईकोर्ट ने कहा था कि एडमिन ब्लॉक के 100 मीटर तक कोई हंगामा और आंदोलन नहीं होगा। छात्रों की मुसीबत यही नहीं थमने वाली है। दिल्ली पुलिस की ओर से भी दो एफआईआर दर्ज की गई हैं।
एफआईआर में लिखा है कि छात्रों ने पुलिस के साथ अभद्रता की और कुछ स्टूडेंट्स ने महिला पुलिसकर्मियों से भी बदसलूकी की। छात्रों का ये आंदोलन फीस वृद्धि से शुरू हुआ था लेकिन अब कोर्ट कचहरी तक मामला पहुंच गया है। इसके बाद भी जेएनयू के छात्र अड़े हैं कि वो हाकिमों को हिला कर रहेंगे। संसद के सामने बोलकर रहेंगे। पुलिस की पलटन संसद के हर इलाके पर बैठी है और छात्र अपने जिद पर अड़े है।
जेएनयू के छात्रों ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया था जिससे शहर के कई हिस्सों में जाम लग गया था। छात्रों ने हाल में की गई शुल्क वृद्धि के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था। छात्रावास शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर में पिछले तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे छात्र संसद का ध्यान आकृष्ट करने के लिए सोमवार को सड़कों पर उतरे थे। पुलिस के अनुसार आठ घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के दौरान लगभग 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल हो गये।