नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में जेएनयू छात्र संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच रविवार को झड़प हो गई। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए जेएनयू प्रशासन की तरफ से किए गए अनुरोध पर उसने विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश किया। कैंपस में हुई इस झड़प में 25 छात्र घायल हुए है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा की घटना पर दुख जताते हुए कहा कि अगर विश्वविद्यालय परिसर के अंदर छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। छात्रों पर जघन्य तरीके से हमला किया गया। पुलिस को हिंसा तत्काल रोकनी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए। अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय परिसर के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा।’’ सूत्रों के मुताबिक जेएनयू छात्रसंघ और एबीवीपी के सदस्यों के बीच रविवार को झड़प हो गयी। दोनों पक्षों ने हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है।
नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर देखें गए लोग
सूत्रों के मुताबिक जेएनयू शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान यह झड़प हुई। छात्र संघ ने दावा किया कि उसकी अध्यक्ष आईशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों के पथराव में चोटिल हो गए। हालांकि आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम समर्थित छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गये। जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे।
कई शिक्षक की भी पिटाई की गई
छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘‘वे ईंट पत्थर फेंक रहे थे। छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे। कई शिक्षक की भी पिटाई की गयी।’’ उन्होंने दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर बुरी तरीके से हमला किया गया और उनके सिर से खून बह रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गयी और वे लड़कियों के हॉस्टलों में भी घुस गये। उधर, एबीवीपी ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आईसा और डीएसएफ के सदस्यों ने उन पर बुरी तरह हमला किया। उसने कहा, ‘‘हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये और 11 छात्रों का अतापता नहीं है। छात्रावासों में कई एबीवीपी सदस्यों पर हमले हो रहे हैं तथा वामपंथी गुंडे छात्रावासों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।’’