नई दिल्ली। JNU में रविवार शाम हुई हिंसा के बाद कैंपस का माहौल का गर्म है। लेफ्ट के लोगों ने जहां हिंसा के लिए ABVP को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं एबीवीपी ने हिंसा के लिए लेफ्ट को जिम्मेदार बताया है। इस हमले में दोनों ही पक्ष के कई कार्यकर्ता घायल हुए हैं। हमले में घायल हुए एबीवीपी के मनीष जांगिड ने कहा कि हमले का नेतृत्व JNUSU की अध्यक्ष आइश घोष और अन्य ने किया। मुझे AISA के सतीश चंद्र के नेतृत्व वाली भीड़ ने पीटा था। हम एक प्राथमिकी दर्ज करेंगे और जब तक पुलिस हमें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करती है तब तक हम वापस विश्वविद्यालय परिसर में नहीं जाएंगे।
जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने सोमवार को आरोप लगाया कि परिसर पर हुआ हमला संगठित था। हमले में घोष भी घायल हुई हैं। घोष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह संगठित हमला था। वे लोगों को छांट-छांट कर उन पर हमला कर रहे थे। जेएनयू सुरक्षा और तोड़फोड़ करने वालों के बीच पक्का कोई साठगांठ थी। उन्होंने हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले चार-पांच दिन से आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे ताकि हमारे आंदोलन को तोड़ा जा सके। क्या जेएनयू और दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांग कर हम कोई गलती कर रहे हैं?’’