नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में लेफ्ट और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच रविवार को झड़प हो गई। इस झड़प पर दोनों ही गुटों के कई छात्र घायल हो गए। लेफ्ट संगठनों से जुड़े लोगों ने यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा के लिए एबीवीप को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, एबीवीपी ने हिंसा के लिए लेफ्ट संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है।
एबीवीपी ने ट्वीट कर कहा है, “वामपंथी गुंडे सिर्फ भारत के खिलाफ नहीं हैं, वे शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के भी खिलाफ हैं! जब जेएनयू के छात्र जो खुद को पंजीकृत करके अकादमिक गतिविधियों को फिर से शुरू करना चाहते थे, वामपंथी ठग संचार सेवाओं को बाधित करने के अपने "दंतेवाड़ा मॉडल" के साथ आए।”
अगले ट्वीट में एबीवीपी ने कहा, “CIS, जो JNU में इंटरनेट संचार की रीढ़ है, पर वापंथी संगठन के एक नकाबपोश गिरोह द्वारा हमला किया गया। इससे जेएनयू कैंपस में शर्मनाक वाईफाई ब्लैकआउट हो गया। जब उनके धोखाधड़ी करने वाले कार्यकर्ता पकड़े गए और आम छात्रों ने उनसे पूछताछ की, तो उन्होंने छात्रों पर हमला किया!”
संगठन ने एक अन्य ट्वीट ने कहा कि वामपंथी गुंडों द्वारा आम छात्रों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हमला, निश्चित रूप से नक्सलियों द्वारा लाल गलियारे में उनके गढ़ों का अनुसरण करने की याद दिलाती है। वे ऐसे क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों पर हमला करते हैं ताकि आदिवासी बच्चों को पढ़ाई से रोका जा सके।
इससे पहले एबीवीपी की नेशनल जनरल सेक्रेटरी निधि त्रिपाठी ने कहा कि पिछले 2 महीने से जेएनयू में वामपंथी गिरोह द्वारा शिक्षण पूर्ण रूप से बाधित किया गया। पहले स्टूडेंट्स को क्लास नहीं लेने दिया गया, फिर स्टूडेंट्स को पेपर नहीं देने दिया गया, उसके बाद आज स्टूडेंट्स को रजिस्ट्रेशन करने से रोक रहे थे। और आज जब स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करने के लिए आगे आए और उन्होंने कहा कि वो रजिस्ट्रेशन करेंगे इस बात से गुस्से में आए वामपंथी गिरोह ने नक्सलियों ने हॉस्टल में घुस-घुसकर जिन छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करने की मांग की थी, उनको मारा है, बहुत बुरी तरह से मारा है।
निधि त्रिपाठी ने दावा किया कि वामपंथी छात्रसंगठन के लोगों के हाथ में लाठी-डंडा रॉड जो भी था, उससे रजिस्ट्रेशन की बात करने वाली छात्रों को बुरी तरह मारा गया। बहुत सारे छात्र हैं जो घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया गया है। निधि त्रिपाठी ने वामपंथी छात्र संगठनों पर छात्रों और हॉस्टलों में पत्थर फेंकने का आरोप भी लगाया।