देहरादून: उत्तराखंड में बाघों के संरक्षण के लिए बने जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क का नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय पार्क किया जा सकता है। करीब 521 किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले भारत के पहले राष्ट्रीय पार्क का नाम बदलने का संकेत केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने दिया। उन्होंने हाल ही में अपने जिम कॉर्बेट दौरे पर एक संग्रहालय की अतिथि पुस्तिका में इसका उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क का नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय पार्क कर देना चाहिए।
जिम कॉर्बेट निदेशक राहुल ने इस बात की पुष्टि तो की लेकिन इस पर आगे कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। बता दें कि जिम कॉर्बेट का नाम अगर बदला जाता है तो ऐसा पहली बार नहीं होगा। इससे पहले 1936 में स्थापना के समय पार्क का नाम हेली राष्ट्रीय पार्क रखा गया था जिसे दो दशक बाद शिकारी से संरक्षणवादी बने जिम कॉर्बेट के नाम पर कर दिया गया।
हालांकि, बीच में कुछ समय के लिए इसका नाम रामगंगा राष्ट्रीय पार्क भी रहा क्योंकि इसके बीच से गंगा की सहायक नदी रामगंगा गुजरती है। वहीं, अब एक बार फिर से इसका नाम रामगंगा राष्ट्रीय पार्क जा सकता है। पार्क का ज्यादातर हिस्सा नैनीताल जिले में पड़ता है और यह बाघों के स्वस्थ घनत्व के लिए दुनिया भर में विख्यात है।
कॉर्बेट एक लंबे समय के लिए पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए अड्डा रहा है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीव देखने का मौका मिले। बता दें कि दिल्ली से मुरादाबाद-काशीपुर-रामनगर होते हुए जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क की दूरी 290 km है।