रांची. झारखंड सरकार ने करीब नौ लाख किसानों के पचास हजार रुपये तक की कर्ज राशि माफ करने का फैसला किया है। इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में बजटीय आवंटन के अनुरूप दो हजार करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की सरकार के 29 दिसंबर को सत्ता में एक साल पूरा होने के पहले यह निर्णय किया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय पर निर्णय लिया गया।
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राज्य के वित्त मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रामेश्वर उरांव ने कहा, "सरकार ने सबसे पहले छोटे किसानों को कर्ज माफी का लाभ देने का फैसला किया है और आगे दूसरे और तीसरे चरणों में एक लाख रुपये और दो लाख रुपये तक के ऋण लेने वाले किसानों के भी कर्ज माफ करने का प्रयास किया जाएगा।"
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मंत्रिमंडल ने किसानों की ऋण माफी के लिए 2,000 करोड़ रुपये के आवंटन को स्वीकृति प्रदान की है। इस राशि से राज्य के सभी किसानों एवं मजदूरों के किसी भी बैंक से लिये गये 50 हजार रुपये तक के कृषि ऋण माफ होंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के अनुसार राज्य सरकार फिलहाल 31 मार्च 2020 तक ऋण लेने वाले किसानों के ही कर्ज माफ करेगी।
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योजना के तहत एक परिवार से एक ही व्यक्ति का ऋण माफ किया जायेगा। कर्ज माफी के लिए आवेदन करने वाले किसानों से सांकेतिक रूप से एक रुपये का सेवा शुल्क लिया जाएगा। ऋण का पैसा डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित किया जाएगा। झामुमो के मुख्य प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "कोविड-19 के चलते राज्य सरकार को यह फैसला करने में विलंब हुआ, लेकिन हमारी सरकार ने एक वर्ष पूरा होने से पूर्व यह कदम उठाकर किसानों की मदद करने की अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है।"
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झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने बताया, "राज्य में कुल 12.93 लाख किसानों ने कृषि ऋण लिए हैं। इनमें से लगभग नौ लाख किसानों का कर्ज खाता चालू है और शेष खाते गैर निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) में बदल गए हैं।" सुखदेव सिंह ने बताया कि राज्य में किसानों ने लगभग छह करोड़ रुपये का ऋण लिया है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ करने का फैसला राज्य सरकार ने किया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि राज्य में किसानों की कर्ज माफी की यह पहली किश्त है। आने वाले समय में दूसरी और तीसरी किश्त में शेष किसानों के भी कर्ज माफ किये जायेंगे। (Bhasha)