रांची: झारखंड के बोकारो जिला में पुलिसकर्मियों को तीन किशोरों को बेवजह पीटना महंगा पड़ गया। पांच घंटे के भीतर ही इस मामले की जांच हो गई और ढाई घंटे के अंदर आरोपी पुलिस का जवान (कांस्टेबल) निलंबित भी हो गया। अमूमन इतनी तेजी से कार्रवाई बहुत कम ही देखने को मिलती है। आम तौर पर ऐसी घटनाओं को छोटा मानकर प्रशासन इसे नजरअंदाज कर देता है। लेकिन, इस छोटी घटना पर भी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया और कार्रवाई हुई।
एक पुलिस के अधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा कि बोकारो जिले के बारीडीह थाना में पदस्थापित पुलिस जवान सुखवंत सिंह को तीन लड़कों को बेवजह पीटने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि पांडेयपुरा गांव के रहने वाले तीन किशोर रिशु हेंब्रम, रवि हेंब्रम और विशल मुर्मू रविवार को एक डैम से स्नान कर वापस घर आ रहे थे।
इसी क्रम में अपने एक सहयोगी के साथ कांस्टेबल सुखवंत सिंह ने इन तीनों लड़कों को रुकने के लिए कहा, लेकिन किशोर नहीं रुके और आगे बढ़ गए। इसके बाद कांस्टेबल ने किशोरों को पकड़ा और उनकी जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद रिशु ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेताओं से भी मुलाकात की। रिशु के बयान पर बालीडीह थाने में घटना की प्राथमिकी जरूर दर्ज कर ली गई, लेकिन कांस्टेबल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
दूसरे दिन यानी सोमवार को सुबह 9.24 बजे तीर्थनाथ बिरसा नामक एक युवक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर दिया, जिसमें लिखा, "बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र के गरगा डैम में नहाने गए तीन नाबालिग आदिवासी लड़कों रिशु हेम्ब्रम, विशाल और रवि हेम्ब्रम को थाना के टाइगर मोबाइल के जवान सरदार सुखवंत सिंह और अन्य एक जवान ने आकर बिना कुछ बोले बेरहमी के साथ मारा।"
इसकी जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री के ट्विटर हैंडल से अपराह्न् 2.26 बजे ट्वीट किया गया, "जिलाधिकारी मामले की पूरी जांच करें और अगर जवान दोषी पाया जाता है, तो कड़ी कार्रवाई कर सूचित करें।" इस मामले में बोकरो के उपायुक्त (जिलाधिकारी) मुकेश कुमार ने शाम 4.44 बजे ट्वीट कर बताया, "इस मामले की जांच की गई, जिसमें संबंधित पुलिसकर्मी को दोषी पाया गया। इसलिए दोषी पुलिसकर्मी सुखवंत सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।"
इधर, रिशु द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि घुटने के बल बिठाकर उन तीनों को पीटा गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से ही हेमंत सोरेन ट्विटर पर काफी सक्रिय हैं। लोगों की समस्याओं के संज्ञान में आने के बाद उस पर कार्रवाई का अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे हैं।