रांची: भाजपा सांसद करिया मुंडा के चार अंगरक्षकों को पुलिस ने आज सुरक्षित रिहा करा लिया है जिन्हें खूंटी में मंगलवार को पत्थलगड़ी समर्थक उपद्रवियों ने अगवा कर लिया था। झारखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आरके मलिक ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चारों पुलिसकर्मी सुरक्षित हैं। उन्हें खूंटी के डीलिंगबाड़ा के जंगलों से आज तड़के सुरक्षित रिहा कराया गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक डीके पांडेय ने कहा, ‘‘जवानों की रिहाई जनसहयोग एवं पुलिस की सख्त कार्रवाई एवं दबाव से संभव हो सकी है।’’
पहले तीन अंगरक्षकों को मुक्त कराये जाने की खबरों और अब चौथे सुरक्षाकर्मी के भी छूटने के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने बताया कि वास्तव में पत्थलगड़ी समर्थक गुंडों ने चार सुरक्षाकर्मियों का अपहरण किया था लेकिन स्थानीय पुलिस को उस समय तीन के अपहरण की ही सूचना मिली। पुलिस को जानकारी थी कि चौथा अंगरक्षक अवकाश पर घर गया है लेकिन आज छूटने के बाद इस बात की पुष्टि हुई कि वास्तव में चार सुरक्षाकर्मियों का अपहरण हुआ था।
आज तड़के चारों सुरक्षाकर्मी जब सुरक्षित अपहर्ताओं के चंगुल से रिहा हो गये तो अधिकारियों ने चैन की सांस ली। अभी अधिकारी मुख्यालय पर सुरक्षाकर्मियों से पूरे घटनाक्रम के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। अपहरण के सिलसिले में पुलिस ने आज तड़के भी कुछ संदिग्ध पत्थलगड़ी समर्थक उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। इससे पूर्व कल शाम पुलिस ने खूंटी में अपहृत जवानों का सुराग देने वाले को पचास हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
अपहृत जवानों की पहचान विनोद केरकेट्टा, साइमन सुरीन, नागेन्दर सिंह एवं सुबोध कुजूर के रूप में की गयी थी। मंगलवार को पत्थलगड़ी समर्थक उपद्रवियों ने अपने नेताओं के घर कुर्की की कार्रवाई के बाद उग्र होकर खूंटी में अनिगड़ा इलाके के चांडीडीह में सांसद करिया मुंडा के घर से उनके तीन अंगरक्षकों का उनके हथियारों के साथ अपहरण कर लिया था। पुलिस ने बुधवार को घाघरा गांव में छिपे पत्थलगड़ी समर्थक उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की थी जिसमें एक की मौत हो गयी थी और अब तक सौ से अधिक पत्थलगड़ी समर्थकों को हिरासत में लिया गया था।
पुलिस की कार्रवाई से भयभीत होकर पत्थलगड़ी समर्थक जंगल में भाग गये थे जिनकी पुलिस तलाश कर रही थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घटना के बाद से सुरक्षा बल के लगभग डेढ़ हजार जवान अंगरक्षकों के अपहरण वाले क्षेत्र में कैंप किये हुए थे और उन्होंने लगातार चार दिनों से अपहरणकर्ताओं पर घेरेबंदी जारी रखी।