आर्थिक संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के सामने एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। सैलरी मिलने के कारण रविवार को उसके पायलट काम पर नहीं आए। जिसके चलते मुंबई हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाली 14 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक जेट के कुछ पायलट अपने बकाये का भुगतान नहीं होने को लेकर कथित तौर पर असहयोगात्मक रवैया अपनाते हुए काम पर नहीं आए।
हालांकि, कंपनी ने इस बात से इंकार किया है। एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि ‘‘आकस्मिक परिचालन परिस्थितियों’’ के कारण, ना कि पायलटों के असहयोग की वजह से उड़ानें रद्द हुईं। बहरहाल, बयान में रद्द उड़ानों की संख्या नहीं बताई गई।
इससे पहले एक सूत्र ने बताया, ‘‘कुछ पायलटों के बीमार पड़ने की वजह बताते हुए छुट्टी लेने के कारण अब तक कम से कम 14 उड़ानें रद्द की गई हैं। वे लोग वेतन और बकाये का भुगतान नहीं होने और इस मुद्दे को प्रबंधन के समक्ष उठाने में नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) के उदासीन रवैये का विरोध कर रहे हैं।’’ एनएजी जेट एयरवेज के पायलटों की एक संस्था है जिसमें एक हजार से अधिक पायलट शामिल हैं।
दरअसल, घाटे में चल रही निजी एयरलाइन कंपनी अगस्त से अपने वरिष्ठ प्रबंधन और पायलटों को पूरा वेतन नहीं दे पा रही है। एयरलाइन ने सितंबर में इन कर्मियों को आंशिक वेतन दिया था, जबकि अक्टूबर और नवंबर में भी पूरा वेतन नहीं दिया गया। इस बीच, एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘‘कुछ पायलटों ने एयरलाइन चेयरमैन नरेश गोयल को भी पत्र लिखकर कहा कि वे इस तरीके से काम करने के इच्छुक नहीं हैं।’’ जेट एयरवेज ने कहा कि प्रभावित उड़ानों के यात्रियों को एसएमएस अलर्ट के जरिये उड़ान की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी दी गई है और उन्हें या तो किसी अन्य उड़ान में सीट दी गई या उन्हें क्षतिपूर्ति की गई।