श्रीनगर: आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को आज उस समय बड़ा झटका लगा जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में संगठन का शीर्ष कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे मारा गया। कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन के फिर से जड़ें जमाने में उसकी प्रमुख भूमिका रही।वह चार फीट दो इंच लंबा था। पुलिस ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में साम्बूरा गांव में हुई मुठभेड़ में तांत्रे के दो साथी अंधेरे का फायदा उठाकर बच निकलने में सफल रहे। माना जाता है कि वे दोनों विदेशी आतंकी थे। उन्होंने कहा कि दोनों का जल्द पता लगा लिया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक एस पी वैद के अनुसार इलाके में आतंकी एकत्रित होकर सुरक्षा बलों के काफिले पर हमले की साजिश रच रहे थे। 47 वर्षीय तांत्रे के मारे जाने को ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ बताते हुए पुलिस ने कहा कि वह इस साल के शुरू में श्रीनगर हवाईअड्डे के बीएसएफ कैंप पर आत्मघाती हमले सहित विभिन्न आतंकवादी हमलों में वांछित था। घाटी में वह सुरक्षा बलों के लिए दिक्कत का सबब बन गया था।
पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘‘जैश-ए-मोहम्मद का डिवीजनल कमांडर नूर मोहम्मद तांत्रे उर्फ नूर तराली, पुलवामा के साम्बूरा में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया।’’पुलिस ने आज सुबह तांत्रे का शव बरामद कर लिया है। वह चार फुट दो इंच लंबा था। आतंकी जिस घर में छिपे हुए थे, वहां से एक हथियार भी मिला है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष दस्ते ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर साम्बूरा के कुछ मकानों का घेराव किया। जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गयी और अंतत: जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी मारा गया।
एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि तांत्रे 2001 के संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा का करीबी सहयोगी था और वर्ष 2003 में दिल्ली में दर्ज एक मामले में दोषी था। वह श्रीनगर केन्द्रीय कारागार में सजा काट रहा था और वर्ष 2015 में पैरोल पर रिहा हुआ था। पुलिस ने बताया कि उसके बाद से ही तांत्रे दक्षिण कश्मीर के त्राल में रहा और क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद का महत्वपूर्ण सदस्य बन गया।
जुलाई 2017 में हुई अरिपाल मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद तांत्रे भूमिगत हो गया था और जल्द ही वह विभिन्न जगहों पर हमले करने को लेकर आतंकवादी संगठन में महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया। पुलिस के अनुसार, श्रीनगर हवाईअड्डे के पास स्थित बीएसएफ कैंप पर इस वर्ष अक्तूबर में हुए आतंकवादी हमले का ‘‘मुख्य षड्यंत्रकारी’’ तांत्रे ही था। इसके अलावा वह दक्षिण और मध्य कश्मीर में विभिन्न आतंकवादी हमलों में भी वांछित था। दक्षिण कश्मीर के त्राल इलाके के रहने वाले तांत्रे की मौत को आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दक्षिण और मध्य कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद को पुनर्जीवित करने में तांत्रे की बड़ी भूमिका थी।