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सिक्किम मामले पर नेहरू के खत ने खोली चीन के झूठ की पोल

नेहरू ने कहा था, दरअसल, चीनी मानचित्र भूटान के बडे़ हिस्से को तिब्बत का हिस्सा बताते हैं। सीमा विवाद पर भारत के रुख को उजागर करते हुए लंबेचौडे़ पत्र में नेहरू ने लिखा था कि भूटान के साथ संधि समझाते के तहत भूटान के बाहरी संबंधों के संबंध में अन्य सरका

Bhasha
Published : July 05, 2017 8:10 IST
chou-en-lai-and-nehru
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नई दिल्ली: डोकलाम क्षेत्र पर चीन के दावे के समर्थन में सिक्किम के संबंध में 1890 के चीन और अंग्रेजों के बीच हुई संधि के जवाहरलाल नेहरू के स्वीकार कर लेने के चीन सरकार के दावे के विपरीत पूर्व प्रधानमंत्री ने चीन से कहा था कि वह भूटान के भूभाग के बडे़ हिस्से पर दावा कर रहा है। नेहरू ने अपने चीनी समकक्ष चाउु एन लाई को 26 सितंबर 1959 को भेजे गए अपने पत्र में कहा था, आपके इस बयान का ठीक-ठीक प्रभाव हमें स्पष्ट नहीं है कि सिक्किम और भूटान की सीमा मौजूदा चर्चा के दायरे में नहीं आती है। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत

पीटीआई को यहां मिले पत्र में नेहरू ने कहा था, दरअसल, चीनी मानचित्र भूटान के बडे़ हिस्से को तिब्बत का हिस्सा बताते हैं। सीमा विवाद पर भारत के रुख को उजागर करते हुए लंबेचौडे़ पत्र में नेहरू ने लिखा था कि भूटान के साथ संधि समझाते के तहत भूटान के बाहरी संबंधों के संबंध में अन्य सरकारों के साथ मामलों को उठाने के लिये एकमात्र सक्षम प्राधिकार भारत सरकार है और उसने भूटान सरकार की तरफ से कई मामले चीन के समक्ष उठाए हैं।

उन्होंने लिखा, तिब्बत के साथ भूटान की सीमा के संबंध में चीनी मानचित्र में त्रुटि में सुधार का मामला ऐसा है जिसपर उसी क्षेत्र में चीन के तिब्बत क्षेत्र के साथ भारत की सीमा के साथ चर्चा की जानी है। चीनी मानचित्र में भूटान के बडे़ हिस्से को चीन के हिस्से के तौर पर दर्शाए जाने की बात पर जोर देने के बाद नेहरू ने 1890 के चीन और अंग्रेजों के बीच हुए समझाौते का उल्लेख किया था जिसके जरिये सिक्किम पर भारत की संप्रभुता मंजूर की गई थी।

नेहरू ने कहा था, सिक्किम के संबंध में चीनी सरकार ने 1890 में ही माना कि उस राज्य के आंतरिक प्रशासन और विदेश संबंध पर भारत सरकार का सीधा और एक्सक्लूसिव नियंत्रण है। इस 1890 की संधि ने सिक्किम और तिब्बत के बीच सीमा को भी परिभाषित किया और बाद में 1895 में सीमा का सीमांकन हुआ। इसलिये तिब्बत क्षेत्र के साथ सिक्किम की सीमा को लेकर कोई विवाद नहीं है।

साथ ही उन्होंने कहा, यह कहना गलत है कि भूटान का सीमांत पूर्व जैसा कि चीनी मानचित्र में दिखाया गया है, वह पारंपरिक सीमांत है। इसके विपरीत, यह मैकमहोन रेखा है जो इस क्षेत्र में पारंपरिक सीमा का सही प्रतिनिधित्व करती है। हिमालय की चोटियों द्वारा बनाया गया जल विभाजन प्राकृतिक सीमांत है, जिसे दोनों तरफ के लोगों ने सदियों से सीमा के तौर पर स्वीकार किया है।

चीन और भारत के बीच तकरीबन एक महीने से भूटान त्रिसंगम के निकट डोकल क्षेत्र में तनातनी चल रही है। सिक्किम एकमात्र राज्य है जिसकी चीन के साथ सीमांकित सीमा है। सिक्किम मई 1976 में भारत का हिस्सा बना।

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