नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 14 घंटे के ‘जनता कर्फ्यू’ को कोरोना वायरस के खिलाफ लंबी लड़ाई की शुरुआत बताया और कहा कि देशवासियों ने साबित कर दिया है कि एकजुट होकर वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज जनता कर्फ्यू रात नौ बजे खत्म हो सकता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि हम जश्न मनाना शुरू कर दें।’’
उन्होंने कहा कि खुद से लगाए गए कर्फ्यू को ‘‘सफलता नहीं माना जाना चाहिए’’ क्योंकि यह ‘‘लंबी लड़ाई की शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जनता कर्फ्यू लंबी लड़ाई की शुरुआत है। आज देशवासियों ने साबित कर दिया कि वे सक्षम हैं और एक बार जब वे तय कर लेते हैं तो वे किसी भी चुनौती का मुकाबला कर सकते हैं।’’
पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाने के लिये देशवासियों का शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ ये धन्यवाद का नाद है, लेकिन साथ ही एक लंबी लड़ाई में विजय की शुरुआत का भी नाद है। इसी संकल्प के साथ, इसी संयम के साथ एक लंबी लड़ाई के लिए अपने आप को बंधनों (सोशल डिस्टेंसिंग) में बांध लें।’’
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस से लड़ने में देश की बुजुर्ग महिलाओं का आभार प्रकट करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने एक वीडियो भी टैग किया जिसमें उनकी मां हीराबेन पटेल देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने की लड़ाई में जुटे लोगों के प्रति आभार जताते हुए थाली बजा रही हैं।
वायरस के कारण भारत में सात लोागें की मौत हो गई और 360 लोग संक्रमित हैं। उन्होंने लिखा, ‘‘आप जैसी करोड़ों माताओं के आशीर्वाद से चिकित्सक, नर्स, मेडिकल कर्मी, पुलिसकर्मी, सुरक्षा बल, सफाई कर्मी और मीडिया के लोग कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने लोगों से अपील की, ‘‘केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे निर्देशों का जरूर पालन करें। जिन जिलों और राज्यों में लॉकडाउन की घोषणा हुई है, वहां घरों से बिल्कुल बाहर न निकलें। इसके अलावा जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक घरों से बाहर न निकलें।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देश ने एक होकर धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने बृहस्पतिवार को राष्ट्र के नाम संदेश में लोगों से घर-घर दूध,अखबार, राशन पहुंचाने वालों, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कर्मी और मीडियाकर्मियों के प्रति आभार जताने की अपील की थी। उन्होंने ऐसे लोगों का आभार जताने के लिए 22 मार्च की शाम पांच बजे घर की खिड़की, बालकनी या गेट पर आकर ताली, घंटा-थाली बजाने की अपील की थी।