Sunday, November 03, 2024
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13 घंटे पैदल चलकर अपने लोकसभा क्षेत्र के दुर्गम गांव का दौरा करने पहुंचे सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल

लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने 13 घंटे पैदल सफर तय करके अपने लोकसभा क्षेत्र के एक दुर्गम गांव रालाकुंग का दौरा किया। उन्होनें बताया कि 32 किलोमीटर का सफर तक कर रालाकुंग का दौरा किया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 29, 2020 21:58 IST
Jamyang Tsering Namgyal visited Ralakung remotest village in Zanskar- India TV Hindi
Image Source : JAMYANG TSERING NAMGYAL TWITTER Jamyang Tsering Namgyal visited Ralakung remotest village in Zanskar

नई दिल्ली: लद्दाख से सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने 13 घंटे पैदल सफर तय करके अपने लोकसभा क्षेत्र के एक दुर्गम गांव रालाकुंग का दौरा किया। उन्होनें बताया कि 32 किलोमीटर का सफर तक कर रालाकुंग का दौरा किया। इस दौरान उन्होनें सबसे पिछड़े और दूर के गांव में पहुंचने के लिए 13 घंटे पैदल यात्रा की औ वहां एक रात बिताई। उन्होनें सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, बिजली, राशन और विभिन्न सरकार जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन प्राथमिकता के आधार पर दिया।

रालाकुंग के उपेक्षित निवासियों को टेलीफोन, हेलीपैड, स्वास्थ्य, शिक्षा, पशु चिकित्सा, बिजली, सड़क, राशन और विभिन्न सरकार जैसी बहुत बुनियादी सुविधाएं प्रदान करके बेहतर, आसान और आरामदायक जीवन जीने की आवश्यकता है। जामयांग सेरिंग नामग्याल ने लद्दाख में मिशन ऑर्गेनिक डेवलपमेंट इनिशिएटिव (MODI) के तहत ज़ांस्कर में पॉलीकार्बोनेट ग्रीनहाउस की स्थापना के लिए 2.35 करोड़ रुपए की परियोजना का लोकार्पण किया जिससे आने वाली सर्दियों में ज़ांस्कर के लोगों को हरी सब्जियां उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।

लद्दाख से हिमाचल प्रदेश के दारचा के बीच नयी सड़क बिछा रहा है भारत 

चीन के साथ सीमा विवाद के बीच भारत ने हिमाचल प्रदेश के दारचा से लद्दाख को जोड़ने वाले रणनीतिक मार्ग पर काम तेज कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि करीब 290 किलोमीटर लंबी यह सड़क लद्दाख क्षेत्र के सीमावर्ती अड्डों पर सैनिकों तथा भारी हथियारों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण होगी और करगिल क्षेत्र तक अहम मार्ग उपलब्ध कराएगी। यह मनाली-लेह मार्ग और श्रीनगर-लेह राजमार्ग के बाद लद्दाख के लिए तीसरा मार्ग होगा। 

एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा कि हिमाचल प्रदेश से लद्दाख तक एक वैकल्पिक मार्ग को पुन: खोलने के काम को तेज कर दिया गया है क्योंकि यह रणनीतिक महत्व वाली सड़क है। उन्होंने कहा कि परियोजना 2022 के अंत तक पूरी होने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग जैसे अनेक अहम इलाकों तक सैनिकों की आवाजाही के लिए अनेक सड़क परियोजनाओं पर काम तेज किया जा रहा है। 

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख को डेपसांग से जोड़ने वाली एक अहम सड़क पर भी काम कर रहा है। यह सड़क लद्दाख में सब-सेक्टर नॉर्थ (एसएसएन) तक पहुंच प्रदान करेगी। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की एक वजह पैंगोंग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा एक प्रमुख सड़क निर्माण पर चीन का विरोध करना है। इसके अलावा डार्बुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली एक और सड़क का निर्माण भी इन कारणों में शामिल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने एक उच्चस्तरीय बैठक में लद्दाख समेत सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माणाधीन अनेक बुनियादी संरचना परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की थी।

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