जम्मू: सुंजवान में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले में सेना का ऑपरेशन जारी है। सेना ने 3 आतंकियों को मार गिराया है जबकि JCO समेत सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। वहीं इस हमले में 9 अन्य लोग घायल हुए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सेना ने जम्मू कश्मीर लाइट इंफैंट्री की 36 ब्रिगेड के शिविर में मौजूद 150 परिवार क्वार्टरो से लोगों को निकालने के बाद दोनों आतंकवादियों को मार गिराया गया। सेना अधिकारी ने कहा कि सूबेदार मदनलाल चौधरी और हवलदार हबीबुल्ला कुरैशी :दोनों जम्मू कश्मीर के: शहीद हो गये जबकि हमले में सेना के चार जवान, पांच महिलाओं तथा बच्चों सहित कुल नौ लोग घायल हुए। उन्होंने कहा कि सेना के दो घायल जवानों की स्थिति ‘‘गंभीर’’ बताई जा रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हवाईअड्डों, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले इलाकों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया।
जम्मू स्थित सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कैंप के मुख्य प्रवेश द्वार पर मीडियाकर्मियों से कहा कि ‘‘सभी आतंकवादियों के पकड़े जो या मारे जाने तक’’ अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘सेना ने हथियारों से लैस 3 आतंकवादियों को मार गिराया। उनके पास एके 56 राइफलें, बड़ी मात्रा में विस्फोटक तथा हथगोले थे।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके सामान की तलाशी से पुष्टि हुई कि आतंकवादी जैश ए मोहम्मद के थे। अभियान जारी है और शिविर में बिना हथियार वाले सैनिकों, महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बहुत चौकसी और संयम बरता जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आवासीय कॉलोनी में महिला और बच्चों की मौजूदगी के कारण बहुत सावधानी से अभियान चलाया गया ताकि कम से कम हताहत हों । ’’ सैन्य अधिकारियों ने बताया कि मेजर को उधमपुर के एक अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुयी थी। आतंकवादियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए सेना के हेलिकॉप्टरों और ड्रोनों की सहायता ली गई । सैन्यकर्मियों ने बुलेटप्रूफ वाहनों से कैंप के पीछे के हिस्से में आवासीय क्वार्टर से लोगों को निकाला।
जम्मू में इससे पहले आतंकी हमला 29 नवंबर 2016 को हुआ था जब आतंकवादी जम्मू शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित सेना के नागरोटा शिविर में घुस गये थे जिसमें दो अधिकारी सहित सेना के सात कर्मी शहीद हुए थे। तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।