जम्मू: जम्मू में कुछ मुस्लिम और सिख संगठनों ने ‘‘उपेक्षा झेलने’’ का दावा करते हुए अपने समुदाय के लिए विधानसभा, उच्च शिक्षण संस्थानों और रोजगार में आरक्षण की सोमवार को मांग की। आरक्षण की उनकी मांग ऐसे समय की गई है, जब सरकार ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की है।
जम्मू मुस्लिम फ्रंट (जेएमएफ) के प्रमुख शुजा जफर ने यहां संगठन की बैठक के बाद कहा, ‘‘विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करते समय, जम्मू के मुसलमानों को उचित प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए क्योंकि हमने लगातार उपेक्षा का सामना किया है।’’ जेएमएफ ने उनके समुदाय के लिए छह निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित करने की मांग की है।
जफर ने अपने समुदाय के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में आरक्षण की मांग भी की है। वहीं जे-के गुरुद्वारा प्रबंधक बोर्ड सहित कई सिख संगठनों और जम्मू जिले की गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी ऐसी ही मांग की है।
जीपीबी के अध्यक्ष एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य तरलोचन सिंह वजीर ने कहा, ‘‘ हम समुदाय के लिए अल्पसंख्यक दर्ज की मांग करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि पांच विधानसभा क्षेत्रों को उनके समुदाय की ‘‘राजनीतिक और लोकतांत्रिक आकांक्षाओं’’ को पूरा करने के लिए आरक्षित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सिख समुदाय हर क्षेत्र में राजनीतिक और मौलिक अधिकारों से वंचित रहा है।