श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पर्यटन उद्योग के पुराने ‘‘अच्छे दिन’’ लौट आए हैं और कोविड-19 महामारी की चिंता छोड़कर पर्यटक केंद्रशासित प्रदेश में लुत्फ उठाने पहुंच रहे हैं। प्रशासन भी कोरोना को लेकर सचेत है। एयरपोर्ट पर ही कोरोना टेस्टिंग के लिए कैंप लगाए गए हैं ताकि कोरोना की रोकथाम की जा सका।
गुलमर्ग में पर्यटकों का हुजूम
जम्मू-कश्मीर की बेहतरी के लिए सरकार तो कदम उठा ही रही है, इस काम में जैसे कुदरत भी पूरा साथ दे रही है। इस बार गुलमर्ग में जबरदस्त बर्फबारी हुई है। नए साल पर यहां पर्यटकों की भीड़ तो उमड़ी ही थी लेकिन फरवरी-मार्च तक भी यहां अच्छी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। आइस स्केटिंग का मजा लेने के लिए लोगों का उत्साह देखने लायक था। जो कश्मीर कल तक आतंकवाद से ग्रस्त माना जाता था, वहां 370 हटने के बाद से एक अलग तरह का माहौल है। लोग बिना किसी खौफ के यहां आ रहे हैं और अपनी छुट्टियां गुजार रहे हैं, जिससे जम्मू-कश्मीर पर्यटन को अच्छा लाभ हो रहा है।
'जमीं पर अगर कहीं जन्नत है तो यहीं है'
पर्यटकों के चेहरों की खुशी और मस्ती करते लोगों का अंदाज देखते ही बनता है। गुलमर्ग में चारों और बिछी बर्फ की सफेद चादर पर कहीं आपको बर्फ से अठखेलियां करते हनीमूनर्स दिखेंगे तो कहीं चहकते-खेलते हुए बच्चे दिखेंगे। बच्चों के लिए यहां बर्फ का मानव बनाना जैसे सेकेंड़ों का काम हो गया हो। कुदरत ने जम्मू-कश्मीर को इतनी खूबसूरती बख्शी है कि सभी के मुंह से यही निकलता है- ‘जमीं पर अगर कहीं जन्नत है तो यहीं है, यहीं है, यहीं है।’
द्रंग फॉल, छोटा पर सुंदर पर्यटन स्थल
चीड और देवदार के पेडों के बीच एक छोटा पर सुंदर वॉटर फॉल है, द्रंग वॉटर। यहां लोग कम जाते हैं लेकिन जो जाते हैं उनका यहां से लौटने का मन नहीं करता। गुलमर्ग जाते समय आप थोड़ा नीचे चलेगें तो आप द्रंग पहुंच जाएगें। एक सुंदर जगह, जहां आप खुद की आंखों पर विश्वास नहीं कर पाएंगे।
अहारबल वॉटर फॉल- कश्मीर का 'नाइग्रा फॉल'
श्रीनगर से करीब 70 किमी एक ऐसा प्रकृतिक सुंदरदता का भंडार है, जिसे नाइग्रा फॉल ऑफ जम्मू-कश्मीर कहा जाता है। आंतकी गातिविधियों के लिए बदनाम कुलगाम की गोद में प्रकृतिक सुंदरदता बसी है। फॉल की सुंदरता देखते ही बनती है। 2005 तक यहां बहुत पर्यटक आते थे लेकिन लगातार बढ़ती आंतकी गातिविधियों ने पर्यटकों को यहां से दूर कर दिया। लोग डर के कारण यहां आना कम गए। लेकिन, अब 370 हटने के बाद लोकल और बाहरी पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। यहां की खास बात है कि यहां सब कुछ प्राकृतिक है। बर्फ के ढेर के बीच से बहता पानी आपको सुखद अहसास दिलाता है। पर्यटक जो धरती पर स्वर्ग का एहसास करने जाते हैं, उन्हें अहारबल वॉटर फॉल जरूर घुमना चाहिए।
(लेखक- कमल अरोड़ा, इंडिया टीवी)