नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अमरनाथ यात्रियों पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि हमले से कश्मीर का सिर शर्म से झुक गया है। उन्होंने कहा कि हम हमलावरों को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा, "यह हमला हमारी जड़ों पर है। हम इस हमले के दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।"महबूबा मुफ्ती की राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने इस आतंकवादी हमले को 'कश्मीर के इतिहास में काला धब्बा' करार दिया है।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला किया है। दो अलग-अलग जगह हुए आतंकी हमले में 7 अमरनाथ यात्रियों के मारे जाने और 32 के घायल होने की खबर है। हमले में पुलिस के तीन जवान भी घायल हुए हैं। पहले हमले में श्रद्धालुओं से भरी बस को निशाना बनाया गया जिसमें 3 श्रद्धालुओं की मौत की खबर है जबकि दूसरे हमले में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इंडिया टीवी संवाददाता ने बताया कि दोनों हमले कुछ देर के अंतराल पर हुए। आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा पर पहले से ही हमले का खतरा था। जम्मू-कश्मीर सरकार की तरफ से अमरनाथ यात्रियों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का दावा किया गया था।
आतंकी हमले के बाद से श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर ट्रैफिक को बंद कर दिया गया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। पिछले साल हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही कश्मीर घाटी में हालात खराब चल रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 40 हजार जवानों को तैनात किया गया है।
कैसे हुआ हमला
दक्षिण कश्मीर में श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर आतंकवादियों ने पुलिस दल पर घात लगाकर फायरिंग की। आतंकवादियों ने 15 मिनट के अंतराल पर दो जगहों पर अमरनाथ यात्रियों के काफिले को निशाना बनाया। बताया जाता है कि श्रद्धालुओं से भरी बस बालटाल से मीर बाजार जा रही थी। आतंकियों की फायरिंग में 2 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 5 लोगों ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया।
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