नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के जम्मू में भीड़भाड़ वाले एक बस स्टैंड के नजदीक से एक नर्सिंग छात्र के पास से रविवार को शक्तिशाली आईईडी बरामद किया गया। विस्फोटक की बरामदगी होने से एक बड़ी घटना टल गई और पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर विस्फोट करने की आतंकवादियों की साजिश नाकाम हो गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि छात्र और तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जम्मू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मुकेश सिंह ने बताया कि एक अलग अभियान में सांबा जिले से छह पिस्तौलें और 15 छोटे आईईडी जब्त किए गए हैं। उन्होंने यहां पत्रकारों को बताया, ''पिछले चार दिनों में हम हाई अलर्ट पर थे क्योंकि सामान्य खुफिया सूचना थी कि आतंकी समूह पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर जम्मू शहर में एक बड़ा विस्फोट की फिराक में हैं। सभी महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और जांच तेज कर दी गई थी।'' सिंह के साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह भी थे।
पाकिस्तान की शह पर आतंकवादियों ने रविवार को जम्मू के जनरल बस स्टैंड सहित आसपास के क्षेत्रों में विस्फोट कर उसे दहलाने की साजिश रची थी। सतर्क सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस बल के जवानों ने ना सिर्फ आतंकवादी हमले की साजिश को नाकाम किया बल्कि जम्मू को दहलाने की साजिश को अंजाम देने वाले एक आतंकवादी समेत 3 अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। जम्मू कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आतंकी बड़े हमले की साजिश की फिराक में थे, रघुनाथ मंदिर और बस स्टैंड निशाने पर थे।
रघुनाथ मंदिर और बस स्टैंड था निशाना
जम्मू संभाग के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि एक युवक को बस स्टैंड क्षेत्र में एक बैग के साथ संदिग्ध रूप से घूमते पाया गया। उसके पास से करीब सात किलोग्राम आईईडी बरामद किया गया। हालांकि अभी विस्फोटक को सक्रिय नहीं किया गया था। आईजी ने आरोपी की पहचान पुलवामा के नेवा गांव निवासी सुहैल बशीर शाह के तौर पर बताई है जो चंडीगढ़ के एक कॉलेज से नर्सिंग का पाठ्यक्रम कर रहा है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठन अल बद्र से संबद्ध उसके आकाओं ने उसे जम्मू में आईईडी रखने का काम सौंपा था। उन्होंने बताया, ''उसे चार लक्ष्य दिए गए थे जिनमें (प्रसिद्ध) रघुनाथ मंदिर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और लखदाता बाजार शामिल थे और उसे अपना काम पूरा करने के बाद एक उड़ान से श्रीनगर जाना था।'' सिंह ने बताया कि अल बद्र का सक्रिय सदस्य अतहर शकील खान उसे श्रीनगर हवाई अड्डे पर लेने आता। खान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलवामा बरसी पर करना चाहते थे धमाके
जम्मू पुलिस के आईजी मुकेश सिंह ने बताया कि हमारे पास पहले से ही इनपुट थे कि पुलवामा हमले की बरसी पर आतंकी ग्रुप्स और वारदातों को अंजाम दे सकते हैं। इस वजह से हम लोग हाई अलर्ट पर थे। मुकेश सिंह ने पाकिस्तान की साजिश का भंडाफोड़ करते हुए कहा कि सोहेल को आईईडी लगाने के लिए तीन से चार जगहों का टारगेट दिया गया था। इसके बाद उसे श्रीनगर की फ्लाइट पकड़नी थी, जहां उसे अल बदल तंजीम का ग्राउंड वर्कर अतहर शकील खान उसे रिसीव करता। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ का रहने वाला एक काज़ी वसीम को भी इस मामले की जानकारी थी। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा, एक आबिद नबी नामक शख्स को भी अरेस्ट किया गया है। मुकेश सिंह ने कहा कि पिछली रात, हमने 15 छोटे आईईडी और 6 पिस्तौलें सांबा सेक्टर से बरामद की हैं।
आईजी ने बताया, '' कश्मीर के उसके साथी छात्र काज़ी वसीम को इस योजना के बारे में पता था और उसे चंडीगढ़ से हिरासत ले लिया गया है, जबकि उसके एक अन्य सहयोगी आबिद नबी को श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया है।'' उन्होंने बताया कि बम निष्क्रिय दस्ता आईईडी की जांच कर रहा है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उपकरण बनाने में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया है या नहीं। बहरहाल, उन्होंने कहा कि वक्त पर आईईडी की बरामदगी से जम्मू क्षेत्र में बड़ी घटना टल गई है।
सिंह ने बताया कि एक अन्य सफल अभियान में, पुलिस ने 13 और 14 फरवरी की दरमियानी रात को सांबा जिले में रामगढ़ के जंग इलाके में गश्त के दौरान छह पिस्तौल, बड़ी मात्रा में गोला-बारूद और 15 छोटे आईईडी जब्त किए हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बात की जांच कर हैं कि यह हथियार और गोला-बारूद कहां से आए थे और कहां जा रहे थे। आईईडी की बरामदगी से कुछ दिन पहले ही जम्मू के कुंजवानी और सांबा के बारी ब्राह्मना से दो शीर्ष आतंकवादियों की गिरफ्तारी की गई थी।
गौरतलब है कि 'द रिज़िस्टन्स फ्रंट ' (टीआरएफ) के शीर्ष आतंकवादी जहूर अहमद राठेर को शनिवार को सांबा के बारी ब्राह्मना से गिरफ्तार किया गया। वह पिछले साल भाजपा के तीन नेताओं और एक पुलिस कर्मी की हत्या के सिलसिले में वांछित था। इससे पहले छह फरवरी को पुलिस ने लश्कर-ए-मुस्तफा के स्वयंभू कमांडर हिदायतुल्लाह मलिक उर्फ हसनैन को जम्मू के कुंजवानी से गिरफ्तार किया था।
14 फरवरी 2019 को शहीद हो गए थे सीआरपीएफ के 40 जवान
सीमा पार बैठे आतंकी संगठन लगातार जम्मू संभाग में मंदिरों को निशाना बनाकर यहाँ धार्मिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश में रहते हैं। इसी के चलते हाल ही में संभाग के राजौरी और पुंछ में मंदिरों पर हमले हुए हैं। इस बार आतंकियों के निशाने पर जम्मू शहर था। बता दें कि 14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान प्रायोजित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, हमले की दूसरी बरसी के मौके पर जम्मू-कश्मीर के लेथपुरा में सीआरपीएफ के कैंप में एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय से डिजिटल माध्यम से बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।