जम्मू/श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शराब पर लगाई अतिरिक्त 50 फीसदी एक्साइज ड्यूटी हटा ली है। राज्य में इस अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी को कोरोना टैक्स के रूप में भी पहचाना जाता है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने इस निर्णय की जानकारी दी।
इसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा कई अहम निर्णय मंगलवार को लिए गए। राज्य के एक्साइज कमिश्नर राजेश कुमार ने बताया कि नई नीति के तहत पहली पार जम्मू-कश्मीर में पर्यटन स्थलों पर बार और रेस्तरां खोलने में 6 श्रेणी में आने वाले लोगों को 12 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसमें पूर्व सैनिक, कमजोर वर्ग और बेरोजगार युवा शामिल हैं।
राजेश कुमार शावन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शराब पर मई में लगाए गए 50 प्रतिशत के अतिरिक्त आबकारी शुल्क, जिसे आम लोग कोरोना कर के नाम से जानते हैं, उसे मंगलवार को नयी आबकारी नीति लागू होने के बाद से वापस ले लिया गया है।’’उन्होंने आबकारी नीति के कई पहलुओं को भी स्पष्ट किया। इसमें शराब के व्यापार में पारदर्शिता लाने पर जोर दिया गया है। साथ ही शुल्कों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया है। शावन ने कहा कि शराब के व्यवसाय को अक्सर अमीर लोगों से जोड़कर देखा जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने 70 साल के इतिहास में पहली बार छह श्रेणियों को आरक्षण देने का निर्णय किया है। इसमें विशेष रूप से सक्षम, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाती एवं अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया गया है।
नई नीति की अधिसूचना के मुताबिक भविष्य में शराब ठेकों के लिए होने वाले किसी भी तरह की नीलामी में 12 प्रतिशत इन श्रेणियों के लिए अलग से रखी जाएगी। वहीं बेरोजगार युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए नई आबकारी नीति में लाइसेंस शुल्क पर विशेष छूट का प्रावधान किया गया है। यह छूट ऐसे युवाओं को दी जाएगी जो गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर बार या रेस्तरां खोलने की इच्छा रखते हैं।