नई दिल्ली। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अंदर अब कोई भी जमीन खरीद सकेगा क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर भूमि एवं राजस्व अधिनियम 1996 में सुधार किया है। इस सुधार के तहत देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में कृषि भूमि को छोड़ अन्य भूमि की खरीद कर सकेगा। कृषि भूमि की खरीद फरोख्त की अनुमति सिर्फ जम्मू-कश्मीर में कृषि से जुड़े लोगों को होगी। गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के स्थाई निवासी कानून में भी बदलाव किया है अब स्थाई निवासी की पत्नी भी जम्मू-कश्मीर की स्थाई निवासी होगी।
मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय कानूनों को लागू करने को लेकर आदेश जारी किया है और 12 स्थानीय कानूनों को खत्म किया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकार चाहती है कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में स्थापित हो सके और इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में में निवेश की जरूरत है। हालांकि उन्होने कहा कि खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी।
पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसका विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया था और साथ में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क अलग करके दोनों को अलग अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। उसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कई कानूनों का बदलाव हो सका है और उसी कड़ी में भूमि कानून में भी बदलाव किया गया है।