श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी साजिश को नाकाम करते हुए कनाचक इलाके में एक ड्रोन को मार गिराया जबकि भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है। कश्मीर में पिछले एक महीने में ड्रोन से जुड़ी हुई गतिविधियों में इजाफा हुआ है। पिछले महीने 27 जून को एयरफोर्स स्टेशन पर हमले में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां काफी सतर्क हो गई हैं और लगातार ऐसे ऑब्जेक्ट की निगरानी कर रही हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के साथ कनाचक की सीमा पर एक ड्रोन के उड़ने की सूचना के बाद पुलिस की एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) हरकत में आई और ड्रोन विरोधी रणनीति का इस्तेमाल करते हुए उसे मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन सीमा के अंदर सात से आठ किलोमीटर अंदर उड़ रहा था, इसके छह बड़े पंख थे और यह एक टेट्रा-कॉप्टर था। उन्होंने बताया कि आईईडी सामग्री को ड्रोन के साथ जोड़ा गया था और प्रतीत होता है कि उपयोग करने से पहले विस्फोटक सामग्री को जोड़कर आईईडी बनाना था।
इससे पहले 27 जून को जम्मू में एयरफोर्स स्टेशन पर लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तान स्थित संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा ड्रोन के जरिये गिराए गए दो बम में लगभग ढाई किलोग्राम आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था। एनआईए ने 29 जून को इस घटना की जांच अपने हाथ में ली थी। अधिकारियों ने बताया कि जांचकर्ताओं द्वारा की गई पड़ताल में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों के शामिल होने का संकेत मिला है जिन्हें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ‘इंटर सर्विस इंटेलिजेंस’ (आईएसआई) से मदद मिल रही थी।
जांच में सामने आया है कि सीमा पार से लगभग ढाई किलोग्राम आरडीएक्स विस्फोटक के साथ बम को ड्रोन से भेजा गया था। जम्मू हवाई अड्डे से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक की दूरी 14 किलोमीटर है। अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल से नमूनों की जांच के बाद विस्फोट में आरडीएक्स के इस्तेमाल की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि एक बम में डेढ़ किलोग्राम जबकि दूसरे में एक किलोग्राम आरडीएक्स था।