श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के वे नागरिक जो देश के दूसरे राज्यों में शादी करते हैं उनके लिए बड़ी राहत की खबर है, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फैसला किया है कि स्थानीय नागरिक अगर देश के दूसरे राज्यों में शादी करते हैं तो उनके जीवन साथी को भी जम्मू-कश्मीर का स्थाई निवासी माना जाएगा। यानि जम्मू-कश्मीर का स्थानीय निवासी कोई महिला या पुरुष अगर भारत के किसी दूसरे राज्य में शादी करता है तो उनके पति या पत्नी को भी जम्मू-कश्मीर का स्थाई निवासी प्रमाण पत्र जारी हो सकेगा। मंगलवार को इस संबंध में उपराज्यपाल प्रशासन की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है।
उपराज्यपाल प्रशासन की तरफ से जो अधिसूचना जारी की गई है उसके अनुसार स्थाई निवासी का पति या पत्नी भी स्थाई निवासी प्रमाण पत्र के हकदार होंगे और स्थानीय तहसीलदार वह प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार होगा, कोई विवाद होता है तो जुड़े मामले का निपटारा स्थानीय जिला अधीक्षक करेंगे। स्थाई निवासी प्रमाण पत्र के लिए जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी पुरुष या महिला का स्थाई प्रमाण पत्र और मान्य विवाह प्रमाण पत्र चाहिए होगा।
इससे पूर्व की व्यवस्था में केवल 15 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर में रहने, निर्धारित अवधि तक प्रदेश में सेवाएं देने और विद्यार्थियों के लिए निर्धारित नियमों के तहत ही डोमिसाइल प्रमाणपत्र का प्रावधान था। मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर डोमिसाइल प्रमाणपत्र नियमों में सातवां क्लॉज जोड़ा है।
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए हुए लगभग 2 वर्ष होने वाले हैं। 5 अगस्त 2019 को विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किया गया था और लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करके दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।