श्रीनगर। कश्मीर में प्रशासन ने बुधवार को दिन के समय प्रतिबंधों में ढिलाई जारी रखी लेकिन माध्यमिक कक्षाओं वाले शैक्षणिक संस्थान खोले जाने के प्रशासनिक आदेश के बाद भी छात्र स्कूलों में नहीं आए। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने शहर के कई हिस्सों सहित कश्मीर के अन्य हिस्सों में प्रतिबंधों में छूट दी। उन्होंने बताया कि शहर के पॉश इलाके और सिविल लाइन क्षेत्रों से अवरोधक हटाए गए हैं लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल अब भी तैनात हैं। हालांकि शहर के कई हिस्सों खास तौर पर डाउनटाउन के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर निजी स्कूल खाली पड़े हैं क्योंकि यहां से छात्र अब भी नदारद ही हैं। हालांकि कर्मचारी कुछ संस्थानों में आ रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा हालात की वजह से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं। सरकार ने पिछले सप्ताह प्राथमिक विद्यालयों को सोमवार से खोलने का आदेश दिया था। लेकिन स्कूल में छात्र नहीं आए। बाद में अधिकारियों ने माध्यमिक विद्यालयों को भी खोलने का आदेश दिया लेकिन शैक्षणिक संस्थानों के सही से संचालन के सरकार के तमाम दावे के बाद भी बच्चे स्कूल नहीं आए।
सरकार ने मंगलवार को कहा कि राज्य के 22 जिलों में से 12 जिलों के ज्यादातर हिस्सों में जनजीवन सामान्य चल रहा है। श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक क्षेत्र के मशहूर घंटा घर की घेराबंदी 15 दिन बाद हटाई गई है। योजना एवं विकास के मुख्य सचिव और सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शाम में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर के 197 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में से 136 पुलिस स्टेशन क्षेत्रों में दिन के प्रतिबंध हटाए गए हैं। कंसल ने बताया कि जिन इलाकों में छूट दी गई है, वहां सार्वजनिक यातायात शुरू हो गया है और अंतर-जिला यातायात भी शुरू हो चुका है।
उन्होंने बताया कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग और श्रीनगर हवाई अड्डा सामान्य रूप से काम कर रहा है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 93,000 लैंडलाइन टेलीफोन में से 73,000 लैंडलाइन बहाल कर दिया गया है और बाकी जल्द ही शुरू होगा। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति में सुधार हो रहा है। हालाकि बाजार अब भी बंद हैं। उन्होंने बताया कि 17वें दिन भी मोबाइल सेवा और इंटरनेट बंद है।