नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किया। इस विधेयक के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया। इसमें जम्मू कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा, वहीं लद्दाख दूसरा केंद्र शासित प्रदेश होगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प पेश किया। इसी के साथ अधिसूचना जारी कर अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया गया। यह अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। जम्मू-कश्मीर अब दिल्ली की तरह ही केंद्र शासित प्रदेश होगा। यानी यहां चुनी हुई राज्य सरकार होगी, लेकिन इसके साथ ही केंद्र की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल भी होगा।
जानिए जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले का क्या होगा असर-
- जम्मू-कश्मीर को अब विशेष राज्य का दर्जा नहीं रहेगा।
- भारत के दूसरे राज्यों के नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे।
- जम्मू-कश्मीर में पूरे भारत से निवेश बढ़ेगा।
- जम्मू-कश्मीर की महिलाएं अगर राज्य के बाहर शादी करेंगी तो नहीं खत्म होगा पिता की संपत्ति का हक।
- जम्मू-कश्मीर में अलग से राज्य का संविधान नहीं चलेगा।
- जम्मू-कश्मीर में अब अलग से राज्य का झंडा फहराए जाने की जरूरत नहीं होगी।
- कश्मीर से निकाले गए कश्मीरी पंडितों की वापसी आसान हो सकेगी।
- जो कानून पूरे भारत में लागू होते हैं अब वहीं कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होंगे।
- जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था का नियंत्रण अब केंद्र के हाथ में होगा।
- जम्मू-कश्मीर में अब राज्य सरकार उस तरह काम करेगी जिस तरह दिल्ली राज्य में चलती है।