भारतीय इतिहास का 72 साल पुराना इतिहास कल आधी रात से बदल गया। बुधवार देर रात गृह मंत्रालय की अधिसूचना जारी होने के बाद देश के सबसे उत्तरी राज्य जम्म कश्मीर का दर्ज खत्म हो गया। वहीं देश में दो नए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लदाख अस्तित्व में आ गए।
आज दोपहर 12 बजे जी सी मुर्मू और आर के माथुर क्रमश: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रथम उपराज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल, मुर्मू और माथुर दोनों को शपथ दिलाएंगी। बता दें कि 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के साथ ही केंद्र शासित प्रदेशों के गठन की घोषणा की थी।
देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की। यह पहली बार होगा जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील किया गया है। इस सिलसिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। पहला समारोह लेह में होगा जहां माथुर शपथ लेंगे और बाद में श्रीनगर में शपथग्रहण समारोह होगा जिसमें मुर्मू पदभार ग्रहण करेंगे।
अब 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश
इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 रह गई और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर नौ हो गई। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर के संविधान और रणबीर दंड संहिता का बृहस्पतिवार से अस्तित्व खत्म हो जाएगा जब राष्ट्र पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाने के लिए ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाएगा। पटेल को भारत संघ में 560 से अधिक राज्यों का विलय करने का श्रेय जाता है।
जानिए क्या कहा गया है अधिसूचना में
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 कहता है कि दो केंद्रशासित प्रदेशों के गठन का दिन 31 अक्टूबर है और यह मध्यरात्रि (बुधवार-बृहस्पतिवार) को अस्तित्व में आएंगे। राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसके विभाजन की घोषणा पांच अगस्त को राज्यसभा में की गई थी। कानून के मुताबिक संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा।
केंद्र का होगा पूरा नियंत्रण
बृहस्पतिवार को केंद्रशासित प्रदेश बनने के साथ ही जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था और पुलिस पर केंद्र का सीधा नियंत्रण होगा, जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार के अधीन होगी। लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में होगा।