श्रीनगर: 60 दिन पहले शुरू हुई अमरनाथ यात्रा रविवार को संपन्न हो गई। इस बार 2.85 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने हिम शिवलिंग के दर्शन किए। अधिकारियों के अनुसार बालटाल और पहलगाम मार्गों के जरिए गत 28 जून से शुरू हुई इस तीर्थयात्रा के दौरान 2,85,006 श्रद्धालुओं ने अमरनाथ गुफा में प्राकृतिक रूप से बनने वाले हिम शिवलिंग के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि इस बार यात्रा के दौरान मौसम संबंधी घटनाओं या प्राकृतिक कारणों की वजह से 38 तीर्थयात्रियों, सेवा प्रदाताओं और टट्टूवालों की मृत्यु हुई।
पिछले साल 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने की यात्रा
अधिकारियों ने बताया कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या पिछले साल के मुकाबले अधिक रही। गत वर्ष 2.60 लाख श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की थी। यात्रा को निर्बाध सुनिश्चित कराने के लिए इस बार विभिन्न सुरक्षा कदम उठाए गए। इस बार पहली बार रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) टैग लगाए गए जिससे कि अमरनाथ जाने वाले वाहनों पर हर समय नजर रखी जा सके। CRPF ने इस बार कैमरों और विभिन्न जीवनरक्षक उपकरणों के साथ मोटरसाइकिल दस्ते भी तैनात किए।
बेहद कड़ी थी सुरक्षा व्यवस्था
पिछले साल तीर्थयात्रियों की एक बस पर आतंकी हमले के चलते इस बार बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। गत वर्ष हुए आतंकी हमले में 8 लोग मारे गए थे और 18 अन्य घायल हुए थे। अधिकारियों ने बातया कि इस बार यात्रा को सुरक्षित संपन्न कराने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस, अर्द्धसैनिक बलों, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और सेना से करीब चार हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। उन्होंने कहा कि इस बार यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई।
श्रद्धालुओं ने तय की 42 किलोमीटर की दूरी
अधिकारियों ने बताया कि महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में साधुओं और श्रद्धालुओं के समूह द्वारा ले जाया गया भगवान शिव का पवित्र दंड (छड़ी मुबारक) आज तड़के पवित्र गुफा पहुंचा और दिनभर चली पूजा अर्चना के साथ ही अमरनाथ यात्रा संपन्न हो गई। साधुओं और श्रद्धालुओं के समूह ने पहलगाम से लेकर अमरनाथ गुफा तक 42 किलोमीटर की दूरी तय की। इस दौरान समूह रात्रि पड़ाव के लिए चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी में रुका।