नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा को लेकर समीक्षा के बाद कश्मीर से 7,000 से अधिक अर्द्धसैन्य जवानों की तुरंत वापसी का आदेश दिया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 72 कंपनियों को देश भर में अपने स्थानों पर ‘लौटने’ को कहा गया है। इस तरह की एक कंपनी में करीब 100 कर्मी होते हैं। सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और एसएसबी से ली गयी इन टुकड़ियों को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद कश्मीर घाटी भेजा गया था। सोमवार को जारी एक आदेश के मुताबिक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 24 कंपनियों, सीमा सुरक्षा बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल की 12-12 कंपनियों को वापस भेजा जा रहा है। इस महीने की शुरूआत में घाटी से ऐसी करीब 20 कंपनियों को वापस भेज दिया गया था।
केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के विकास मामलों और सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने की और इसमें केन्द्रीय गृह सचिव अजय के भल्ला, जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल जी सी मुर्मू और केंद्र शासित क्षेत्र के लिए गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
अधिकारियों के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इस बैठक में कुछ समय के लिए मौजूद थे। उन्होंने बताया कि कुमार केंद्र शासित क्षेत्र के हालात का जायजा लेने के लिए यात्रा करेंगे। बैठक की आगे की जानकारी अभी नहीं मिली है। गौरतलब है कि गत पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को मिला विशेष दर्जा वापस लिये जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजित किये जाने के बाद से कश्मीर घाटी में कई पाबंदियां लागू की गई थीं, जिन्हें बाद में हटा लिया गया था।
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