Thursday, January 16, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. अयोध्या केस में रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करेगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

अयोध्या केस में रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करेगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करने का फैसला लिया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : November 21, 2019 17:26 IST
Supreme Court
Supreme Court

नई दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अयोध्या केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करने का फैसला लिया है। इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की बैठक में बकायदा एक प्रस्ताव पास किया गया है। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि अयोध्या विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं किया जाएगा। 

इससे पहले ऑल इंडिया यूनाइटेड मुस्लिम मोर्चे ने अयोध्या मामले पर पुनर्विचार याचिका दायर करने के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि बोर्ड की बातों में विरोधाभास है और इस मुद्दे पर काफी सांप्रदायिक राजनीति हुई, लिहाजा इसे खत्म कर देना चाहिए ताकि राजनीतिक पार्टियां आम लोगों से जुड़े मुद्दे उठाएं। मोर्चे के राष्ट्रीय प्रवक्ता हाफिज़ गुलाम सरवर ने एक पत्रकार वार्ता में कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने तमाम परिस्थितियों को देखकर यह निर्णय सुनाया है और इसे हम सबको स्वीकार करना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘ फैसला आने से पहले तमाम संगठनों ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उच्चतम न्यायालय का जो भी फैसला होगा, उसे माना जाएगा तो अब अगर-मगर क्यों किया जा रहा है?’’ सरवर ने कहा, ‘‘ मंदिर-मस्जिद के नाम पर बहुत सियासत हुई है और इससे सांप्रदायिकता बढ़ी है। इस मुद्दे का हल होने पर राजनीति आम आदमी से जुड़े मुद्दों पर होगी। सांप्रदायिक राजनीति से नुकसान गरीब और पिछड़ों का होता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय ने माना है कि मजिस्द में मूर्तियां रखना और उसे तोड़ना गैर कानूनी है और यह भी माना है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने के कोई सबूत नहीं मिले हैं जो मुसलमानों के लिए बड़ी जीत है। इसलिए इस मुद्दे को आगे नहीं ले जाना चाहिए।’’ 

न्यायालय द्वारा कहीं ओर पांच एकड़ जमीन मुस्लिम पक्षकारों को देने के सवाल पर सरवर ने कहा, ‘‘ अगर जमीन किसी चीज के बदले में या मुआवजे के तौर पर दी जा रही है तो हमें इसे नहीं लेना चाहिए।’’ एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा मस्जिद मांगने पर उन्होंने कहा, ‘‘ ओवैसी को रोज़गार, शिक्षा और आम लोगों से जुड़े मुद्दे पर सड़कों पर उतरना चाहिए और सांप्रदायिक राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’ गौरतलब है कि एक सदी से भी पुराने बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि मामले का उच्चतम न्यायालय ने नौ नवंबर को निपटारा कर दिया। न्यायालय ने विवादित भूमि हिन्दू पक्ष को दे दी और मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया है। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement