नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की रविवार को पुलिस के साथ झड़पें हुई और उन्होंने दक्षिण पूर्व दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डीटीसी की कई बसों और एक दमकल वाहन में आग लगा दी। पुलिस ने बताया कि इस हिंसक प्रदर्शन में छह पुलिसकर्मी और दो दमकलकर्मी जख्मी हो गए।
जामिया छात्र बोले- प्रदर्शन में शामिल हुए ‘कुछ खास तत्व’’
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान समस्याएं उत्पन्न हुईं। हालांकि, छात्रों के समूह ने बयान जारी कर नागरिकता अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से खुद को अलग किया। छात्रों के समूह ने आरोप लगाया कि प्रदर्शन में ‘‘कुछ खास तत्व’’ शामिल हो गए और उन्होंने इसे ‘‘बाधित’’ किया।
दिल्ली पुलिस जबरन यूनिवर्सिटी में दाखिल हुई- चीफ प्रॉक्टर
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के चीफ प्रॉक्टर वसीम अहमद खान ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस के कर्मी बिना अनुमति के जबरन विश्वविद्यालय में घुस गये और कर्मचारियों तथा छात्रों को पीटा गया तथा उन्हें परिसर से जाने को मजबूर किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि पुस्तकालय के भीतर मौजूद छात्रों को निकाला गया और वे सुरक्षित हैं। उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की।
स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए यूनिवर्सिटी में गए- दिल्ली पुलिस
पुलिस ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए वे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के अंदर गए। दक्षिण पूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने चार बसों और दो पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान छह पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर से पुलिस पर पथराव किया गया जिसके बाद उन्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बिस्वाल ने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उनके बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
हाथ ऊपर कर छात्रावास से बाहर आते दिखे छात्र
पुलिस के साथ युवक छात्रावासों से बाहर आते दिखे जिन्होंने अपने हाथ ऊपर उठा रखे थे। उनमें से कुछ ने दावा किया कि पुलिस पुस्तकालय में भी घुसी और छात्रों को ‘‘प्रताड़ित’’ किया। परिसर के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। प्रदर्शनकारियों ने बसों में आग लगा दी और कम से कम तीन बस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए और दमकल की एक गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो गई।
'मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकाल जलाईं गईं बसें'
एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने एक मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकाला और इसका इस्तेमाल बसों को जलाने के लिए किया। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया जब वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने कहा कि घटनास्थल पर दमकल की चार गाड़ियां भेजी गई। प्रदर्शनकारियों की हिंसा में एक दमकल गाड़ी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और दो कर्मी जख्मी हो गए। जलाई गई बसों से धुएं का गुबार उठता दिखा और दमकलकर्मियों ने उन्हें बुझाने का प्रयास किया।
दिल्ली मेट्रो ने बंद किए कई स्टेशन
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए रविवार शाम को सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन का प्रवेश एवं निकास द्वार बंद कर दिया। डीएमआरसी ने ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली पुलिस की सलाह पर सुखदेव विहार के प्रवेश एवं निकास द्वार तथा आश्रम स्टेशन के गेट नंबर 3 को बंद कर दिया गया है। ट्रेन सुखदेव विहार स्टेशन पर नहीं रुकेगी।’’ मेट्रो के जामिया मिल्लिया इस्लामिया, ओखला विहार, जसोला विहार, शाहीन बाग के प्रवेश एवं निकास द्वार भी बंद कर दिए गए हैं और इन स्टेशनों पर कोई ट्रेन नहीं रुकेगी।
सड़क यातायात भी हुआ बाधित
झड़प के कारण इलाके में यातायात बाधित हो गया और सड़कों पर वाहन कई घंटे तक फंसे रहे। दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि आंदोलन के कारण ओखला अंडरपास से सरिता विहार तक यातायात बंद रहा। जाम के कारण बदरपुर और आश्रम चौक से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों की तरफ भेजा गया।
जामिया टीचर्स ने की हिंसा की निंदा
जामिया टीचर्स एसोसिएशन ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसा की निंदा की और कहा कि वह दक्षिणी दिल्ली में आगजनी का हिस्सा नहीं है। एसोसिएशन ने स्थानीय राजनीतिक नेताओं के नेतृत्व वाले इस तरह के ‘‘दिशाहीन’’ प्रदर्शन से दूर रहने की छात्रों से अपील की। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा, ‘‘जामिया शांति का संदेश देता है। जेटीए जामिया के निकट या भारत में कहीं पर भी इस तरह की हिंसा की निंदा करता है।’’ बयान में कहा गया है कि सोमवार को जेटीए कार्यालय में कार्यकारिणी समिति की एक आपात बैठक बुलाई गई है जिसमें ‘‘विरोध में जामिया के नाम का दुरुपयोग किये जाने पर चर्चा की जायेगी।’’
जामिया छात्र बोले- महिला प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह पीटा गया
जामिया के छात्र नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार की शाम को उन्होंने विश्वविद्यालय में पूर्ण तालाबंदी की अपील की थी और घोषणा की थी कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। जामिया के छात्रों ने आज हुई हिंसा के बाद बयान जारी कर कहा, ‘‘हम बार-बार कहते रहे हैं कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण और अहिंसक है। हम इस रुख पर अड़े हुए हैं और हिंसा में शामिल किसी भी पक्ष की निंदा करते हैं।’’ बयान में कहा गया है, ‘‘हमने उस समय भी शांति बनाए रखी जब छात्रों पर लाठीचार्ज किए गए और कुछ महिला प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह पीटा गया। मीडियाकर्मी इन घटनाओं के गवाह रहे हैं।’’
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनजामिया विश्वविद्यालय के समीप नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर स्थिति से निपटने के पुलिस के तौर तरीके के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर बहुत सारे लोग पहुंच गए। आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इसका आह्वान किया था। अन्य छात्र निकायों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया । रविवार को उससे पहले जामिया विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी।
सीएम केजरीवाल बोले- किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी भी तरह की हिंसा अस्वीकार्य है और प्रदर्शन शांतिपूर्ण होना चाहिए। भाजपा ने हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि वह ‘‘लोगों को भड़काना बंद करे’’ लेकिन आप ने आरोपों से इंकार किया।
मनोज तिवारी ने AAP पर लगाया लोगों को भड़काने का आरोप
दिल्ली भाजपा के प्रमुख मनोज तिवारी ने ट्वीट किया कि आप के एक विधायक लोगों को ‘‘भड़का’’ रहे हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री को ‘‘गद्दार’’ बताया। बहरहाल, संभवत: तिवारी के निशाने पर आए ओखला से आप विधायक अमानतुल्ला खान ने आरोपों से इंकार किया। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने हिंसा की तुलना 2002 के गोधरा ट्रेन जलाने की घटना से की और रविवार की हिंसा के लिए आप सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि हिंसा आतंकवादी घटना से कम नहीं है।