Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. जाफरबाद हिंसा: मासूम सिद्धि कनक और राम पूछ रहे हैं पुलिस कमिश्नर से पापा का कसूर

जाफरबाद हिंसा: मासूम सिद्धि कनक और राम पूछ रहे हैं पुलिस कमिश्नर से पापा का कसूर

रतन लाल दिल्ली पुलिस के वही बदकिस्मत हवलदार थे, जिनका कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, 'तू तू मैं मैं' से भी वास्ता नहीं रहा। इसके बाद भी सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों की भीड़ ने उन्हें घेर कर मार डाला।

Reported by: IANS
Published : February 25, 2020 9:50 IST
जाफरबाद हिंसा: मासूम सिद्धि कनक और राम पूछ रहे हैं पुलिस कमिश्नर से पापा का कसूर
जाफरबाद हिंसा: मासूम सिद्धि कनक और राम पूछ रहे हैं पुलिस कमिश्नर से पापा का कसूर

नई दिल्ली: सोमवार को चरम पर पहुंची उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा में बेकसूर हवलदार रतन लाल बे-मौत मारे गये। बबाल में बेकसूर पति के शहीद होने की खबर सुनते ही पत्नी पूनम बेहोश हो गई, जबकि खबर सुनकर घर के बाहर जुटी भीड़ को चुपचाप निहार रही सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) की भीगी आंखों में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से सवाल था, "हमारे पापा का कसूर क्या था?"

Related Stories

रतन लाल दिल्ली पुलिस के वही बदकिस्मत हवलदार थे, जिनका कभी किसी से लड़ाई-झगड़े की बात तो दूर, 'तू तू मैं मैं' से भी वास्ता नहीं रहा। इसके बाद भी सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली के दयालपुर थाना क्षेत्र में उपद्रवियों की भीड़ ने उन्हें घेर कर मार डाला। रतन लाल मूलत: राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहावली गांव के रहने वाले थे। सन् 1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था।

घटना की खबर जैसे ही दिल्ली के बुराड़ी गांव की अमृत विहार कालोनी स्थित रतन लाल के मकान पर पहुंची, तो पत्नी बेहोश हो गईं। बच्चे बिलख कर रोने लगे। बुराड़ी गांव में कोहराम मच गया। रतन लाल के रिश्तेदारों को खबर दे दी गई। बंगलुरू में रह रहा रतन लाल का छोटा भाई मनोज दिल्ली के लिए सोमवार शाम को रवाना हो गया।

रतन लाल के छोटे भाई दिनेश ने बताया, "रतन लाल गोकुलपुरी के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रीडर थे। उनका तो थाने-चौकी की पुलिस से कोई लेना-देना ही नहीं था। वो तो एसीपी साहब मौके पर गए, तो सम्मान में रतन लाल भी उनके साथ चला गया। भीड़ ने उसे घेर लिया और मार डाला।"

शहीद रतन लाल के छोटे भाई दिनेश के मुताबिक, "आज तक हमने कभी अपने भाई में कोई पुलिस वालों जैसी हरकत नहीं देखी।" उनका कमोबेश यही कहना था दिल्ली पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक (वर्तमान में दयालपुर थाने में तैनात) हीरालाल का।

हीरालाल के मुताबिक, "मैं रतन लाल के साथ करीब ढाई साल से तैनात था। आज तक मैंने कभी उसे किसी की एक कप चाय तक पीते नहीं देखा। वो हमेशा अपनी जेब से ही खर्च करता रहता था। अफसर हो या फिर संगी-साथी सभी रतन लाल के मुरीद थे। उसके स्वभाव में भाषा में कहीं से भी पुलिसमैन वाली बात नहीं झलकती थी।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement