नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने पत्थरबाज फारुख अहमद डार को 10 लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। फारुख अहमद डार को सेना ने उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजी करते हुए पकड़ा था। सेना के मेजर लितुल गोगोई के आदेश पर फारुख अहमद डार को जीप के बोनट पर बांधा गया था। मीडिया में जब यह खबर आई तो मेजर गोगोई पर फारुख को ह्यूमैन शील्ड के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगा था।
हालांकि मेजर लितुल गोगोई ने सफाई देते हुए कहा था कि जो हालात वहां पर थे उसमें फारुख अहमद डार को जीप के बोनट पर बांधने के सिवाय कोई और बेहतर विकल्प नहीं था। सेना अगर वहां फंसे चुनावकर्मियों को बाहर निकालने के लिए बल प्रयोग करती तो काफी जानें जा सकती थीं। वहीं सेना ने मेजर गोगोई को आतंक के खिलाफ लगातार सफल ऑपरेशन के लिए सम्मानित भी किया था।
मेजर गोगोई को सम्मानित करने के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया था। बाद में मेजर गोगोई मीडिया के सामने आकर खुद सारे तथ्य लोगों के सामने रखे। उन्होने उस पूरी घटना का जिक्र किया जिसकी वजह से उन्हें पत्थरबाज फारुख अहमद डार को जीप से बांधना पड़ा।