उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हर्सिल के रास्ते चितकुल जाने के दौरान लापता हुए 11 सदस्यीय पर्वतारोही टीम के 2 और सदस्यों के शव शनिवार को हिमाचल प्रदेश की सीमा के पास से आईटीबीपी कर्मियों ने बरामद किए। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि दोनों शव लमखागा दर्रे के पास मिले और उन्हें सांगला लाया जा रहा है। वहां से उन्हें उत्तरकाशी ले जाया जाएगा।
दीक्षित ने कहा कि शव शुक्रवार को ही दिख गए थे और शनिवार को बचाव अभियान फिर शुरू होने पर उन्हें बरामद किया जा सका। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि उनकी पहचान उत्तरकाशी के पुरोला के उपेंद्र सिंह (37) और कोलकाता के रिचर्ड मंडल (30) के रूप में हुई है। शुक्रवार को 5 पर्वतारोहियों के शव नीचे लाये गये थे। दल के 2 सदस्य अब भी लापता हैं जबकि 2 जीवित सदस्यों का हर्सिल और उत्तरकाशी में इलाज चल रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि लापता पर्वतारोहियों के लिए तलाशी अभियान 12,000 फुट की ऊंचाई पर मौसम खराब होने के कारण रोक दिया गया है और मौसम के सुधरते ही इसे फिर शुरू किया जाएगा। पटवाल ने बताया कि लापता लोगों की पहचान पुरोला निवासी ज्ञान चंद (33) और कोलकाता निवासी सुकेन मांझी (43) के तौर पर हुयी है। इस बीच, बागेश्वर जिले के सुंदरधुंगा ग्लेशियर में 5पर्वतारोहियों के मारे जाने की आशंका के बीच शनिवार को भी उनकी तलाश जारी रही।
बागेश्वर के जिलाधिकारी विनीत कुमार ने बताया, 'एसडीआरएफ टीम को लेकर एक हेलीकॉप्टर ने ग्लेशियर के पास देवीकुंड तक दो बार उड़ानें भरीं, लेकिन कोई शव नहीं दिखा। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर इलाके में नहीं उतर सका।' उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की एक अन्य टीम को भी पर्वतारोहियों की तलाश में पैदल ही भेजा गया है और रविवार को वह देवी कुंड पहुंच जाएगी। उत्तराखंड में 17 अक्टूबर से बारिश से जुड़ी घटनाओं में हताहतों की संख्या बढ़कर 75 हो गयी है।