नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक के मंत्री सा. रा. महेश ने जिस तरह से रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के साथ व्यवहार किया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक दिन पहले कोडागू में रक्षामंत्री और महेश के बीच बहस हो गई थी। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उनके प्रति मंत्री की व्यक्तिगत टिप्पणी अशोभनीय थी।
महेश की टिप्पणी से राज्यसभा की मर्यादा को ठेस पहुंची
रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक स्पष्टीकरण में मीडिया में आई रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा है कि बाढ़ के हालात की समीक्षा के लिए कोडागू के जिला प्रशासन के साथ बैठक में सीतारमण महेश से नाराज हो गईं। मंत्रालय ने कहा है कि महेश की टिप्पणी से राज्यसभा की मर्यादा को ठेस पहुंची है, जिससे भारत की राजनीति के बारे में सम्मान और जानकारी का घोर अभाव जाहिर होता है।
तय कार्यक्रम के अनुसार पूर्व सैनिकों से बात कर रही थी रक्षामंत्री
रक्षामंत्री ने कहा कि तय कार्यक्रम के अनुसार बाढ़ के हालात का जायजा लेने के बाद वह बाढ़ पीड़ित पूर्व सैनिकों से बातचीत कर रही थीं, तभी महेश ने बीच में आकर पहले अधिकारियों की बैठक करने पर जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व सैनिकों का कल्याण रक्षा मंत्रालय का अनिवार्य हिस्सा है और यह कार्यक्रम में भी शामिल था। हालांकि जिला प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें बातचीत शीघ्र रोक देनी चाहिए और अधिकारियों के साथ बैठक के लिए जाना चाहिए।
स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए रक्षामंत्री ने बैठक रोक दी
स्पष्टीकरण में कहा गया है, यद्यपि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए रक्षामंत्री ने तत्काल बैठक रोक दी और अधिकारियों के साथ बैठक के लिए चल पड़ीं। बैठक स्थल पहले से संवाददाता सम्मेलन के लिए तैयार किया गया था और अधिकारियों को आनन-फानन में बुलाया गया और समीक्षा के लिए वे मीडियाकर्मियों के बीच बैठ गए। तमाम मीडियाकर्मियों के साथ अधिकारियों संग यह एक अभूतपूर्व बैठक थी।
रक्षामंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द का गलत अर्थ निकाला
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि संवाददाता सम्मेलन के दौरान रक्षामंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए परिवार शब्द का भी गलत अर्थ निकाला गया है। मंत्रालय ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय के चार विभागों में एक विभाग पूर्व सैनिकों के कल्याण का है और उस संदर्भ में यह कहा गया कि सभी पूर्व सैनिक मंत्रालय के रक्षा परिवार के हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, इसके अलावा अन्य कोई अर्थ अनर्थ और अनुचित है।