दिल्ली। रियल एस्टेट और अपशिष्ट प्रबंधन में लगी हैदराबाद की एक कंपनी के परिसरों पर छापा मारने के बाद आयकर विभाग ने 300 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की आय का पता लगाया। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह तलाशी छह जुलाई को ली गयी। सीबीडीटी ने एक बयान में बताया, ‘‘तलाशी एवं जब्ती अभियान और विभिन्न दस्तावेजों की प्राप्ति के आधार पर समूह की कंपनियों और संबद्ध कंपनियों ने 300 करोड़ रुपये की बिना हिसाब की आय होने की बात स्वीकार की है। इसके अलावा समूह बकाया करों का भुगतान करने के लिए भी सहमत हुआ है।’’
बता दें कि, सीबीडीटी कर विभाग के लिए नीति तैयार करता है। बोर्ड ने समूह की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन कहा कि यह रियल एस्टेट, निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन और बुनियादी ढांचे के कार्यों में लगा हुआ है।
सीबीडीटी ने कहा कि समूह के अपशिष्ट प्रबंधन का कारोबार पूरे भारत में फैला हुआ है, जबकि रियल एस्टेट की गतिविधियां मुख्य रूप से हैदराबाद में केंद्रित हैं। समूह द्वारा कथित तौर पर कर छिपाने के मामले पर सीबीडीटी ने कहा, ‘‘यह पाया गया कि समूह ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अपनी अधिकतम हिस्सेदारी, समूह की सिंगापुर स्थित एक नॉन रेजिडेंट इकाई को बेच दी थी और बड़ी मात्रा में कैपिटन गेन का फायदा उठाया था।’’
बयान के मुताबिक, ‘‘समूह ने बाद में संबंधित पक्षों के साथ शेयर खरीद, बिक्री, ‘नॉन आर्म लेंथ वैल्यूड सब्सक्रिप्शन’ और बाद में बोनस जारी करने जैसी आकर्षक योजनाओं के जरिए उस लाभ को हस्तांतरित कर दिया। उसने ऐसा कैपिटल गेन के जरिए अर्जित कमाई को नुकसान के रूप में दिखाने के लिए किया।’’
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘जो आपत्तिजनक साक्ष्य, दस्तावेज बरामद किए गए हैं, वह साबित करते हैं कि संबंधित कैपिटल गेन को समायोजित करने के लिए कृत्रिम नुकसान दिखाया गया। तलाशी अभियान में लगभग 1200 करोड़ रुपये का कृत्रिम नुकसान का पता चला है, जिसपर कर की देनदारी बनती है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘तलाशी की कार्रवाई में समूह से जुड़ी कंपनियों के साथ बेहिसाब नकद लेनदेन का भी पता चला है और इसकी मात्रा और तौर-तरीकों की जांच की जा रही है।’’