चेन्नई: आयकर विभाग ने विदेश स्थित अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं करने को लेकर पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और पुत्रवधू श्रीनिधि के खिलाफ ‘काला धन अधिनियम’ के तहत आज चार आरोपपत्र दाखिल किए। आयकर विभाग ने चेन्नई में एक विशेष अदालत के समक्ष आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। काला धन (अघोषित विदेशी आय एवं संपत्ति) की धारा 50 और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत ये आरोपपत्र दाखिल किए गए।
अधिकारियों ने बताया कि मामले की जांच अपने ‘तार्किक निष्कर्ष ’ पर पहुंच गई, जिसके चलते आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ रुपये मूल्य की एक अचल संपत्ति, उसी देश में 80 लाख रुपये की संपत्ति और अमेरिका में स्थित 3.28 करोड़ रुपये की संपत्ति का आंशिक या पूर्ण रूप से खुलासा नहीं करने को लेकर नलिनी, कार्ति और श्रीनिधि को आरोपित किया गया है।
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि चिदंबरम के परिवार ने काला धन कानून का उल्लंघन करते हुए इन निवेशों का खुलासा आंशिक या पूर्ण रूप से आयकर विभाग के समक्ष नहीं किया। साथ ही, ‘चेस ग्लोबल एडवाइजरी’ द्वारा किए गए निवेश का भी खुलासा नहीं किया, जिस कंपनी में कार्ति का सह - मालिकाना हक है। गौरतलब है कालाधन के खिलाफ अपने अभियान के तहत 2015 में नरेन्द्र मोदी सरकार यह कानून लायी थी।
आयकर विभाग ने इस मामले में कार्ति और उनके परिवार के सदस्यों को हाल ही में नोटिस जारी किया था। वहीं, कार्ति ने जांच में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा था कि वह संपत्ति का ब्योरा और इससे जुड़े पिछले साल के लेन देन का ब्योरा पहले ही दूसरे कर प्राधिकार को सौंप चुके हैं तथा एक ही कानून के तहत किसी के व्यक्ति के खिलाफ समानांतर कार्यवाही नहीं हो सकती।
विभाग ने पिछले साल कार्ति के खिलाफ काला धन कानून लगाया था। दरअसल, विभाग ने पाया था कि उनके द्वारा विदेश में बनाई गई संपत्ति कानून का कथित उल्लंघन करती है। काला धन रोधी नया कानून विदेशों में स्थित अवैध संपत्ति के मामलों से निपटता है, जिनकी हाल फिलहाल तक आयकर अधिनियम, 1961 के तहत जांच की जाती थी। नये कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है।