नई दिल्ली: ‘चंद्रयान-2’ के लैंडर ‘विक्रम’ का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।हालांकि, वैज्ञानिक पूरी तरह ‘ना-उम्मीद’ नहीं हैं और वे लैंडर से संपर्क हो जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इसरो के इस मिशन पर कहा कि चंद्रयान-2 के साथ इसरो की उपलब्धि ने अब तक हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। भारत हमारे प्रतिबद्ध और मेहनती इसरो वैज्ञानिकों के साथ खड़ा है। भविष्य के प्रयासों के लिए मेरी शुभकामनाएं।
आपको बता दें कि ‘विक्रम’ ने ‘रफ ब्रेकिंग’ और ‘फाइन ब्रेकिंग’ चरणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया, लेकिन ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से पहले इसका संपर्क धरती पर मौजूद स्टेशन से टूट गया। इसके साथ ही वैज्ञानिकों और देश के लोगों के चेहरे पर निराशा की लकीरें छा गईं। इसरो अध्यक्ष के.सिवन इस दौरान कुछ वैज्ञानिकों से गहन चर्चा करते दिखे। उन्होंने घोषणा की कि ‘विक्रम’ लैंडर को चांद की सतह की तरफ लाने की प्रक्रिया योजना के अनुरूप और सामान्य देखी गई, लेकिन जब यह 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था तो तभी इसका जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। डेटा का अध्ययन किया जा रहा है।