नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष में आज एक और लंबी छलांग लगाते हुए मोबाइल संचार को आधुनिक बनाने के लिए सैटेलाइट GSAT-6A को लॉन्च किया गया है। शाम चार बजकर 56 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से इसकी लॉन्चिंग हुई। जीएससैट-6 ए का आज यहां अंतरिक्ष केंद्र से भूतुल्यकालिक रॉकेट जीएसएनवी-एफ08 के जरिए प्रक्षेपण किया गया और निर्धारित कक्षा में इसे सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। इसके साथ ही इसरो के खाते में एक और उपलब्धि जुड़ गई।
भुतुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ08) ने यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरने के तकरीबन 18 मिनट बाद उपग्रह को कक्षा में प्रविष्ट कराया। इस प्रक्षेपण यान में तीसरे चरण का स्वदेश विकसित क्रायोजेनिक इंजन लगा था। इसरो ने बताया कि यह उपग्रह मल्टी बीम कवरेज सुविधा के जरिये मोबाइल संचार में मदद प्रदान करेगा।
इसरो के अध्यक्ष के सिवन ने मिशन को सफल बताया और इस कार्य में लगे वैज्ञानिकों को बधाई दी। सिवन ने बताया कि संचार उपग्रह को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। यह भूतुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी-एफ08) की12 वीं उड़ान थी और स्वदेशी क्रायोजेनिक अपर स्टेज के साथ छठी उड़ान थी। इसरो ने बताया कि जीसैट-6 ए, जीसैट-6 की ही तरह है। यह उच्च क्षमता वाला एस- बैंड संचार उपग्रह है। इस मिशन में I-2K उपग्रह बस का इस्तेमाल किया गया। इस मिशन की मियाद तकरीबन 10 साल है।
सैटेलाइट जीसैट 6 ए की सबसे खास बात ये है कि इसे भारतीय सेना के लिए डिजाइन किया गया है। इस सैटेलाइट की मदद से सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। इस सैटेलाइट से सेना को मिलेगा ताकतवर कम्युनिकेशन नेटवर्क जिससे सेना खराब मौसम हो या फिर संकरी घाटियां किसी भी जगह से कम्युनिकेशन कर सकेगी और सिग्नल भेजे जा सकेंगे। दुश्मन भी अब किसी कोने में छिपा हो इस तीसरी आंख से बच नहीं पाएगा।
जानिए GSAT- 6A की खासियत-
- GSAT- 6A एक कम्युनिकेशन सैटेलाइट है और इसका वजन 2140 किलोग्राम है और जिस रॉकेट GSLV- F08 से इसे छोड़ा जा रहा है उसकी लंबाई 49.1 मीटर है। इस रॉकेट का वजन 415 टन से ज्यादा है।
- GSAT-6A सैटेलाइट में मल्टी बीम कवरेज फैसिलिटी है जिससे सेना को कम्युनिेकेशन में मदद मिलेगी। सैटेलाइट में 6 मीटर लंबा एंटीना इस्तेमाल किया गया है। मोबाइल की 4-जी सर्विस के लिए इस्तेमाल एस-बैंड कम्युनिकेशन सिस्टम भी है।
- GSAT- 6A मिशन की कीमत 270 करोड़ रुपये है और GSAT-6A 10 साल तक सेवा देगा।