चेन्नई। लक्समबर्ग स्थित एक अंतरिक्ष-संचालित रेडियो फ्रीक्वेंसी रिकॉनिस्सेंस डेटा-एज-ए-सर्विस (डीएएएस) कंपनी क्लेओस स्पेस ने शुक्रवार (11 सितंबर) को कहा कि उसके क्लेओस स्काउटिंग मिशन उपग्रहों को भारतीय रॉकेट पीएसएलवी की ओर से इस वर्ष नवंबर की शुरूआत में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है।
कंपनी ने कहा, "कंपनी को सूचित किया गया है (स्पेसफ्लाइट इंक के माध्यम से एनएसआईएल द्वारा) कि पीएसएलवी-सी 49 मिशन की योजना के तहत चार क्लेओस उपग्रहों के प्रक्षेपण को गतिविधियों की योजना की वर्तमान स्थिति के आधार पर नवंबर 2020 की शुरूआत में लक्षित किया जा रहा है। यह अनुसूची एनएसआईएल नियंत्रण से परे परिचालन परिस्थितियों के कारण परिवर्तन के अधीन है।"
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक जी. नारायणन ने कहा, "रॉकेट लॉन्च इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) द्वारा किया जाता है। हम वाणिज्यिक लॉन्च की सुविधा दे रहे हैं।" एनएसआईएल डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस (डीओएस) के तहत एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष कंपनी है। नारायणन के अनुसार, रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी सी 49) की वास्तविक लॉन्च तिथि को इसरो द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
क्लेओस ने कहा कि वह एनएसआईएल द्वारा प्रबंधित लॉन्च के साथ स्पेसफ्लाइट इंक के साथ एक राइडशेयर अनुबंध के तहत स्काउटिंग उपग्रहों को लॉन्च कर रहे हैं। क्लेओस स्काउटिंग मिशन के चार उपग्रहों को लॉन्च करने की तैयारी 2019 के मध्य में ही कर दी गई थी और मार्च के दौरान प्रक्षेपण की उम्मीद करते हुए इसे फरवरी के दौरान ही लॉन्च साइट (आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा) भेज दिया गया था। क्लेओस ने कहा कि मार्च महीने से लॉन्च में देरी कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थिति की वजह से हुई है। क्लेओस ने कहा कि जैसे ही लॉन्च के लिए प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो निश्चित रूप से स्पेसफ्लाइट इंक के माध्यम से एनएसआईएल लॉन्च की सही तारीख की पुष्टि करेगा। (इनपुट-IANS)