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एक वॉट्सअप कॉल और आपका फोन हैक, क्या है जासूसी के नेटवर्क का इजरायल कनेक्शन?

वॉट्सअप की जासूसी पर सियासी जंग अब बड़ी होती जा रही है। कांग्रेस पूछ रही है कि सरकार नाम बताए और सरकार कह रही है कि हमने वॉट्सअप को नोटिस भेज दिया है। इजरायल की एक कंपनी पर जासूसी का आरोप है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 01, 2019 11:53 IST
एक वॉट्सअप कॉल और आपका फोन हैक, क्या है जासूसी के नेटवर्क का इजरायल कनेक्शन?- India TV Hindi
एक वॉट्सअप कॉल और आपका फोन हैक, क्या है जासूसी के नेटवर्क का इजरायल कनेक्शन?

नई दिल्ली: वॉट्सअप की जासूसी पर सियासी जंग अब बड़ी होती जा रही है। कांग्रेस पूछ रही है कि सरकार नाम बताए और सरकार कह रही है कि हमने वॉट्सअप को नोटिस भेज दिया है। इजरायल की एक कंपनी पर जासूसी का आरोप है। उधर वॉट्सअप ने कहा है मिस कॉल से ही मोबाइल को हैक कर लेते थे। अब सवाल है, साजिश के पीछे कौन है? वॉट्सअप के मुताबिक जब अप्रैल और मई के महीने में देश में लोकसभा का चुनाव चल रहा था तो देश के दो दर्जन मोबाइल की जासूसी हो रही थी।

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वॉट्सअप ने जासूसी की पुष्टि करते हुए एक इजरायली जासूसी कंपनी पर मुकदमा भी दर्ज कराया है और रिपोर्ट में लिखा गया है कि वॉट्सअप के सर्वर का इस्तेमाल करके दुनिया के 1400 लोगों की इजरायली स्पाइवेयर के जरिए जासूसी हुई। इनमें भारत समेत 20 देशों के सैकड़ों पत्रकार शामिल हैं। वॉट्सअप के मुताबिक जासूसी में भारत के दलित कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इसके साथ ही भारत के कुछ वकील और कुछ प्रोफेसरों को भी वॉट्सअप ने जासूसी के संबंध में जानकारी दी थी। कुछ मानवाधिकार और समाजिक कार्यकर्ताओं का भी फोन हैक था।

वॉट्सअप के जरिए भारत के कितने लोगों की जासूसी हुई है, इसकी संख्या का खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन ये जासूसी तब हुई थी जब देश में लोकसभा का चुनाव हो रहा था इसलिए कांग्रेस सवाल पूछ रही है कि इस जासूसी के पीछे किसका हाथ है। कांग्रेस के सवाल का जवाब बीजेपी ने भी दिया है। आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने वॉट्सअप से चार नवंबर तक जवाब मांगा है। सरकार की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि सरकार पर निजता के हनन के सारे आरोप बेबुनियाद है।

वॉट्स अप के मुताबिक उसके सर्वर को हैक करके सर्विलांस करने का फ्रॉड इजरायली कंपनी एनएसओ ने किया है। इजरायली कंपनी एनएसओ इस फ्रॉड में जिस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया, उसका नाम PEGASUS है। इस PEGASUS को किसी भी एंड्रयॉड और आईओएस को सपोर्ट करने वाले मोबाइल में इंस्टॉल किया जा सकता है। वॉट्सअप के कॉल या मिस कॉल के जरिए भी टारगेट के फोन पर स्पाइवेयर डाउनलोड हो जाता है। 

स्पाइवेयर इन्सटॉल होने के बाद फोन इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के कब्जे में चले जाता है। इसके बाद चैट, मैसेज, कॉल और कैमरा को भी कंट्रोल किया जा सकता है। वॉट्सअप ने इजरायल की जासूस कंपनी एनएसओ के खिलाफ सैनफ्रॉस्किो में मामला तो दर्ज कराया है लेकिन इजरायली कंपनी ने वॉट्सअप के सारे आरोप से इंकार कर दिया है। इजरायल ने कहा है कि उनकी तकनीक मानवाधिकार और पत्रकारों के खिलाफ काम करने वाली नहीं है। अब सवाल है कि वॉट्सअप को हैक करके जासूसी को अंजाम किसने और कैसे दिया। हंगामा इसी पर मचा है। बीजेपी का कहना है जब वॉट्सअप ने जासूसी के बारे में लोगों को मई-अप्रैल में ही बता दिया था, तब लोग चुप क्यों थे।

अब तक करोड़ो लोग यही सोचकर बैठे थे कि वॉट्सअप के मैसेज को कोई नहीं पढ़ सकता। कॉल को कोई नहीं सुन सकता है। ये खबर अब उनकी नींद उड़ाने वाली है। ये एक भ्रम नहीं, कड़वी सच्चाई है क्योंकि खुद वॉट्सअप ने खुलासा किया है कि वॉट्सअप वीडियो कॉल के जरिए मोबाइल हैक किए जा सकते हैं और दुनिया के 1400 लोगों के मोबाइल वॉट्सअप कॉलिंग के जरिए हैक हो चुके हैं।

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