नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित इजरायल के दूतावास के बाहर हुए बम धमाके को 24 घंटे होने वाले हैं लेकिन इसकी जांच में अभी तक दिल्ली पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा है। अभी तक दिल्ली पुलिस के हाथ खाली ही नजर आ रहे हैं। अब पुलिस को 45000 मोबाइल फोन का डंप डाटा मिला है जिसको खंगाला जा रहा है। जिस समय दूतावास के बाहर धमाका हुआ था उस समय वहां और आसपास 45000 मोबाइल फोन एक्टिव थे। सवाल ये भी है कि बम धमाके के षडयंत्र में शामिल लोग उस समय मोबाइल इस्तेमाल कर भी रहे ते या नहीं।
ब्राजील के दूतावास में लगे CCTV का सहारा !
इजरायली दूतावास के पास ब्राज़ील का भी दूतावास है और पुलिस ने ब्राजील के दूतावास की सीसीटीवी फुटेज लेकर उसकी भी जांच शुरू कर दी है। ब्लास्ट वाली जगह पर जो सीसीटीवी लगा हुआ है जिससे फुटेज रिट्रीव नहीं हो पा रही है उसके DVR को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को दिया गया है साइबर सेल उसे रिट्रीव करने की कोशिश की जा रही है।
बम छोटे से गड्ढे में दबाया गया था
सूत्रों के मुताबिक,अभी तक की तफ्तीश में पता चला है कि ब्लास्ट में IED के साथ बैटरी का इस्तेमाल हुआ था। धमाका होते ही बैटरी के टुकड़े हो गए, इन्हें तलाशने के लिए सुबह एक बार फिर से स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुँची थी। मौके का मुआयना करने के बाद यह पता चला कि बम छोटे से गड्ढे में दबाया गया था।
सोची-समझी साजिश
सूत्रों के मुताबिक मौके से जांच एजेंसी को ट्रायल लिखा हुआ जो लेटर मिला है वो डेढ़ पन्ने का है। इस लेटर को जल्दबाजी में नहीं बल्कि काफी साफ-सुथरी हैंड राइटिंग में लिखा गया है, जो साबित करता है कि ये महज शरारत नहीं बल्कि सोची-समझी साजिश है, जिसके तार विदेश से जुड़ हो सकते हैं।
छोटा धमाका बड़ा संदेश
सूत्रों के मुताबिक स्पेशल सेल को पक्का यकीन है कि ब्लास्ट से पहले रेकी भी की गई। जिसको लेकर आसपास के तमाम CCTV फुटेज खांगले जा रहे हैं ताकि सुराग हाथ लगे। जांच एजेंसी कैब ड्राइवर के लगातार सम्पर्क में है। स्पेशल सेल संदिग्धों का हुलिया जानकर स्केच बनाने की तैयारी में है। बलास्ट के पूरे तरीके से यह साफ है कि जिसने बम बनाया उसे इसमें महारत हासिल है। क्योंकि बम में IED, बैटरी, अमोनियम नाइट्रेट और बॉल बारिंग उसी मात्रा में और सही तरीके से डाले गए थे कि विस्फोट भी हो और ज्यादा नुकसान भी ना हो, यानी छोटा धमाका बड़ा संदेश।