Thursday, November 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. ढाका और काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास बने ISI गतिविधियों के नए ठिकाने

ढाका और काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास बने ISI गतिविधियों के नए ठिकाने

खुफिया एजेंसियों को इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को नई दिल्ली द्वारा खत्म किए जाने के बाद ढाका और काठमांडू में पाकिस्तानी दूतावास ISI गतिविधियों के नए ठिकाने बन गए हैं।

Written by: IANS
Published on: October 20, 2019 14:34 IST
Representative Image - India TV Hindi
Representative Image 

नई दिल्ली: खुफिया एजेंसियों को इस बात के पर्याप्त सबूत मिले हैं कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को नई दिल्ली द्वारा खत्म किए जाने के बाद ढाका और काठमांडू में तैनात पाकिस्तान के दो सैन्य अधिकारी अपने कूटनीतिक संबंधों का दुरुपयोग कर भारतीय जाली नोटों (एफआईसीएन) की तस्करी और भारत विरोधी गतिविधियों को गति दे रहे हैं। काठमांडू में प्रमुख प्रभावशाली नेपाली संगठनों में भारत-विरोधी भावनाएं भड़काने के संबंध में नेपाल में पाकिस्तान के राजदूत मजहर जावेद की भूमिका भी जांच के घेरे में है।

इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की अति-गोपनीय रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मजहर जावेद ने 27 सितंबर को काठमांडू के महाराजगंज स्थित दूतावास के परिसर में एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें 30 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और राजनयिकों को आमंत्रित किया गया था। रिपोर्ट में आगे लिखा है कि बैठक में मजहर जावेद ने नेपाली लॉबी को यह कहकर भड़काने की कोशिश की, कि भारत सरकार कश्मीर घाटी में लोगों का उत्पीड़न कर मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है।

मजहर ने तीन अक्टूबर को नेपाल के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र 'नागरिक' में एक लेख लिखा, जिसमें उन्होंने तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए आरोप लगाया कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति भयावह है। ‘नागरिक’ का स्वामित्व नेपाल रिपब्लिक मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के पास है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी बताए जाने वाले मजहर ने दूतावास परिसर में इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों को शरण देकर परिसर को लगभग पूरी तरह काउंटर इंटेलीजेंस डेन (खुफिया एजेंसियों से बचने के लिए ठिकाना) बना दिया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी दूतावास के रक्षा अधिकारी कर्नल शफकत नवाज वास्तव में आईएसआई का प्रतिनिधित्व करते हैं और उनकी डी-कंपनी से संबद्ध स्थानीय गैंगस्टरों के जरिए एफआईसीएन की तस्करी करने में प्रमुख भूमिका रही है। शफकत नवाज जम्मू एवं कश्मीर तथा भारत के अन्य हिस्सों में सक्रिय आईएसआई के विभिन्न मोड्यूल्स को धन मुहैया कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें उनकी भूमिका इसी साल मई में काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा पर 7.67 करोड़ रुपये के उच्च क्वालिटी के एफआईसीएन बरामद होने के बाद सामने आई थी।

नेपाल पुलिस ने इस संबंध में नेपाल में डी-कंपनी के एक संचालक यूसुफ अंसारी को गिरफ्तार किया था, जो अक्सर काठमांडू स्थित पाकिस्तान दूतावास आता-जाता रहता था। इसके कुछ महीनों बाद, अगस्त में दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने अंसारी के सहयोगियों को उच्च क्वालिटी के एफआईसीएन की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। कहा जा रहा था कि इन नोटों की छपाई कराची में सरकारी सिक्योरिटी प्रिंटिंग प्रेस में हुई थी। 

भारतीय एजेंसियों ने ढाका स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका पर भी पर्याप्त जानकारी इकट्ठी कर ली है। एक विश्वस्त सूत्र ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग में रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर कामरान नजीर मलिक ने ढाका के पॉश गुलशन क्षेत्र में स्थित होटल में जेहादी नेताओं के साथ गोपनीय बैठक की है। कामरान आतंकवादी गतिविधियों के अलावा एफआईसीएन की तस्करी कराने में भी संलिप्त है।

ढाका पुलिस ने 25 सितंबर को एक पार्सल जब्त किया था, जिसमें 50 लाख रुपये की जाली भारतीय मुद्रा थी। जांच में पाया गया कि दुबई निवासी आईएसआई एजेंट सलमान शेरा बांग्लादेश में विभिन्न स्थानों पर ऐसे पार्सल भेज रहा था। इससे पहले 2015 में ढाका पुलिस की एक रिपोर्ट पर एक उच्चायोग अधिकारी मजहर खान को बड़े एफआईसीएन सिंडिकेट को आश्रय देने के आरोप में बांग्लादेश से बाहर कर दिया गया था।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement