नई दिल्ली. क्या पाकिस्तान ने बालाकोट से कुछ नहीं सीखा? क्या पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक से कोई सबक नहीं लिया? क्या पाकिस्तान को एक बार फिर दहलाने की ज़रूरत है? दरअसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान एक बार फिर भारत पर बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। इंटेलीजेंस ऐजेंसियों को मिले इनपुट के मुताबिक 20 अगस्त को पाकिस्तान के रावलपिंडी में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद और पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के बीच एक मीटिंग हुई हैं। इस मीटिंग में भारत पर आतंकी हमले करने को लेकर प्लानिंग की गई।
पिछले साल 14 फरवरी को हुआ था पुलवामा अटैक
पिछले साल14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले से पहले ठीक एक महीने पहले इसी तरह की मीटिंग की गई थी इसलिए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या पाकिस्तान भारत पर बड़े हमले की तैयारी शुरू कर चुका है। इस जानकारी के मिलने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग में पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी ISI के साथजैश-ए-मोहम्मद, मजलिस-ए-शूरा और हरकतुल मुजाहिद्दीन के आतंकी मौजूद थे।
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ISI ने जैश के साथ की मीटिंग
इस मीटिंग में ISI के 2 सीनियर अधिकारियों के साथ जैश ए मोहम्मद की तरफ से आतंकी मसूद अजहर का भाई आतंकी मौलाना अब्दुल रऊफ अशगर और मौलाना अम्मार मौजूद था। मसूद अज़हर के बीमार होने की वजह से आजकल जैश की ज़िम्मेदारी रऊफ अशगर संभाल रहा है। रऊफ अशगर कश्मीरी गुरिल्ला फोर्स का कमांडर है। इससे पहले आतंकी संगठन हरकतउल मुजाहिद्दीन के मजलिस ए शूरा का मेंबर भी था। बाद में इसने अपने आतंकी साथियों के साथ जैश ए मोहम्मद को ज्वॉइन कर लिया। मौलाना अम्मार वही आतंकी है, जिसने बालाकोट में एयर स्ट्राइक होने के बाद एक ऑडियो क्लिप जारी करते हुए भारत से बदला लेने की धमकी दी थी।
मीटिंग में कारी जरार था मौजूद
इनके अलावा मीटिंग में आतंकी कारी जरार भी मौजूद था। कारी जरार पीओके में आतंकियों के लॉन्चिंग पैड का कमांडर है। ये 2016 में हुए नगरोटा आर्मी कैंप पर हुआ आतंकी हमले का मास्टरमाइंड भी है। रावलपिंडी में हुई इस मीटिंग की प्लानिंग इस्लामाबाद में जैश मरकज के आंतकियों ने की थी। ये मीटिंग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पुलवामा हमले के एक महीने पहले भी पाकिस्तान में ठीक ऐसी ही बैठक हुई थी। पुलवामा हमले में दायर की गई NIA की चार्जशीट को आधार बनाया जाये तो ये बात साफ होती है कि पाकिस्तानी ऐजेंसी ISI और जैश-ए-मोहम्मद ही पुलवामा हमले के सबसे बड़े गुनहगार हैं।
इस बार बड़ी साजिश रच रहा है पाकिस्तान?
किसी भी आतंकी वारदात के लिए तीन चीजें अहम होती हैं- पहला आतंकी, दूसरा पैसा और तीसरा विस्फोटक। आतंकियों की इस बार की साजिश बहुत बड़ी हो सकती है। इसमें सरहद पार से भी आतंकी आ सकते हैं और उनके जो लोकल मददगार होते हैं, उनके साथ मिल कर किसी बड़े वारदात को अंजाम दे सकते हैं। टेरर फंडिंग की एक खास किस्म की खुफिया चेन बनी हुई है और विस्फोटक का जखीरा जमा करने के लिए भी तरीका भी बहुत खरतनाक होता है।
सरहद पार कर भारत में प्रवेश करते हैं पाकिस्तानी आतंकी
अगर जम्मू-कश्मीर में किसी आतंकी वारदात को अंजाम देना होता है तो वो पाकिस्तान से आए आतंकियों के बगैर नहीं होता। प्लानिंग के तहत आतंकियों को सरहद पार कराया जाता है और फिर पाकिस्तान से आए आतंकी कश्मीर के लोकल आतंकियों को साथ लेकर किसी भी आतंकी वारदात को अंजाम देते हैं, वहीं अगर कश्मीर के बाहर देश में कहीं और हमला करना हो तो अपने लोकल मॉड्यूल के जरिए इसे ऑपरेट करवाते हैं।
पुलवामा हमले के गुनाहगार
पुलवामा हमले में जैश-ए- मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अज़हर और उसका भाई रउफ असगर को हमले का मास्टरमाइंड था लेकिन अम्मार अल्वी ने हमले की पूरी प्लानिंग तैयार की, जो इस समय पाकिस्तान में बैठा है जबकि पुलवामा में आत्मघाती हमले की ज़िम्मदारी आदिल अहमद डार और समीर को दी गई थी। इसके अलावा आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को एनकाउंटर में मारा जा चुका है।
पुलवामा में हुआ था भारी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल
पुलवामा हमले में 200 किलोग्राम विस्फोटक का इस्लेमाल किया गया था। पाकिस्तान के आतंकियों के पास सुसाइड बॉम्बर नहीं था। इसलिए आतंकियों ने आदिल डार को बॉम्बर बनाया। मसूद अजहर की स्पीच सुनाकर आदिल डार का ब्रेनबॉश किया गया और फिर उसे सुसाइड बॉम्बर बनाया। आदिल डार कश्मीर का रहने वाला था। इस हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक के रूप में पूरी दुनिया ने भारत का जवाब भी देखा लेकिन पाकिस्तान है कि सुधरने को तैयार ही नहीं है। बालाकोट की तबाही के बाद भारत पर हमले की प्लानिंग के लिए 100 बार सोचता।