कोरोना संकट से जूझ रहे भारत को रविवार के दिन दो खुशखबरियां मिली। देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इमर्जेंसी इस्तेमाल को मंजूरी मिल गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि शुरुआत में कोरोना की वैक्सीन फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस और अन्य सहायक सेवाओं से जुड़े लोगों को दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार के वैक्सीन प्लान में वृद्ध जनों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को भी शामिल किया गया है।
भारत में वैक्सीन आने के बाद से ही इससे जुड़े सवाल भी उठने लगे हैं। राजनीतिक छींटा कशी को छोड़ दें तो वास्तव में लोगों को इस वैक्सीन को लेकर कई आशंकाएं हैं। जैसे वैक्सीन का इंसानी शरीर पर कोई खतरा तो नहीं, गंभीर या लंबे समय तक चलने वाली बीमारियों से जुड़ी दवाओं और इंजेक्शन लेने वाले मरीजों के लिए यह वैक्सीन सेफ तो है? कुछ ऐसे ही सवाल लोगों के मन में घर कर गए हैं। इसे देखे हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक खाए एडवाइजरी जारी की है। जिसमें लोगों के सभी संभावित सवालों के जवाब देने का प्रयास किया गया है।
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यदि कोई कैंसर, डायबिटीज और हायपरटेंशन की दवा ले रहा है तो क्या उसे वैक्सीन लेनी चाहिए?
इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि इनमें एक या अधिक बीमारी से पीड़ित लोगों को हाई रिस्क की श्रेणी में रखा गया है। इनके लिए कोरोना की वैक्सीन लेना बेहद जरूरी है।
क्या डायबिटीज या बीपी के रोगियों के लिए कोरोना वैक्सीन लेना सुरक्षित है?
यह वैक्सीन कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करती है। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। खासतौर पर बीपी और डायबिटीज से पीड़ित रोगी हाई रिस्क श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इनके लिए करोना की वैक्सीन लेना बेहद जरूरी है।
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हार्ट पेशेंट, डायबिटीज और ब्लडप्रेशर के मरीजों को कोरोना का खतरा
सामान्य लोगों के मुकाबले हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोगियों को कोरोनावायरस से संक्रमण का खतरा अधिक होता है। कोरोना से संक्रमित 80 फीसदी मरीजों में आमतौर पर बुखार, गले मेंं तकलीफ और खांसी के माइल्ड लक्षण दिखते हैं। ऐसे मामलों में मरीज पूरी तरह से रिकवर हो जाता है। लेकिन हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और हृदय रोग के कुछ मरीजों में स्थिति नाजुक हो सकती है। कॉम्प्लिकेशन बढ़ सकते हैं। ऐसे मरीजों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है।
बीमारियों को लेकर आईसीएमआर का स्पष्टीकरण
क्या डायबिटीज के रोगियों पर कोरोनावायरस संक्रमण का खतरा अधिक?
आमतौर पर जिन रोगियों का ब्लड शुगर अनियंत्रित रहता है उनमें हर तरह का संक्रमण होने की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसी रोगियों में संक्रमण होने पर अधिक देखभाल की जरूरत होती है, थोड़ी-थोड़ी देर पर उनका ब्लड शुगर मॉनिटर करना पड़ता है।
क्या ब्लड प्रेशर की दवाएं संक्रमण की गंभीरता को बढ़ाती हैं?
अब की रिसर्च में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जो साबित करे कि ब्लड प्रेशर की दवाएं संक्रमण की गंभीरता को बढ़ावा देती हैं। कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान खुद से ये दवाएं बंद करना समस्या को गंभीर जरूर बना सकता है। इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए ब्लड प्रेशर की दवाएं न बंद करें।