नई दिल्ली: तबलीगी जमात के लोगों के बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद वायरस और इस्लाम को लेकर तमाम तरह की बातें चल रही हैं। इसी कड़ी इंडिया टीवी ने ‘कोरोना, कुरान और मुसलमान’ नाम से एक खास कार्यक्रम में तमाम सवालों के जवाब ढूंढ़ने की कोशिश की। इसी कार्यक्रम में इंडिया टीवी के दर्शक ‘संजय त्रिपाठी’ ने सवाल किया कि काबा का इस्लाम और भारत का इस्लाम अलग है क्या अगर कोरोना कुरान से निकला है तो फिर काबा बंद क्यों है? इसके जवाब में इस्लामिक स्कॉलर फिरंगी महली ने बेहद दिलचस्प बात कही।
‘कोरोना हरगिज कुरान से नहीं निकला है’
इंडिया टीवी के दर्शक राकेश त्रिपाठी के सवाल का जवाब देते हुए जाने-माने इस्लामिक स्कॉलर फिरंगी महली ने कहा कि कोरोना कहीं से भी कुरान से नहीं निकला है। महली ने कहा, ‘कोरोना हरगिज कुरान से नहीं निकला है, यह बिल्कुल गलतफहमी है। हम सबको यह मालूम है कि पूरी दुनिया में नमाज बंद है। पैगंबर इस्लाम ने एक मौके पर जब बरसात हो रही थी और तूफान आया था तो हजरत बिलाल को आदेश दिया कि अजान दो और लोगों से कहो कि अपने घरों में ही नमाज पढ़ें।’ बता दें कि सोशल मीडिया में ऐसे कई वीडियो वायरल हुए थे जिनमें कोरोना को कुरान से निकला बताया गया था।
‘उठ नहीं सकते तो लेटकर भी नमाज पढ़ सकते हैं’
इस सवाल पर कि इस्लाम में नमाज पढ़ना कितना जरूरी है, महली ने कहा, ‘इस्लामिक शरियत में बहुत गुंजाइश है। हालात के लिहाज से अमल करने के लिए कहा गया है। यही वजह है कि पूरी दुनिया में कहीं भी जुमे की नमाज नहीं हो रही है। अगर आप उठ नहीं सकते तो लेटे-लेटे नमाज पढ़ सकते हैं। अगर आप अस्पताल में हैं, डॉक्टर ने उठने को मना किया है तो सोते हुए नमाज पढ़ सकते हैं। अस्पताल में अगर आपको आइसोलेट किया गया है तो अगर आप कंधे से कंधा मिलाकर नमाज पढ़ेंगे तो कोरोना से बचने के लिए सामाजिक दूरी के नियम का आप उल्लंघन कर रहे हैं।’